शिक्षा क्षेत्र में शिक्षक बनने की राह अब बदलने वाली है। हाल ही में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने बीएड (Bachelor of Education) कोर्स को लेकर कई बड़े बदलावों की घोषणा की है। ये बदलाव न केवल कोर्स की अवधि और संरचना में हैं, बल्कि बीएड कॉलेजों के संचालन के तरीके में भी भारी परिवर्तन लाएंगे।
अब तक शिक्षक बनने के लिए दो साल का बीएड कोर्स या चार साल का इंटीग्रेटेड प्रोग्राम करना जरूरी था, लेकिन NCTE के नए नियमों के अनुसार अब एक वर्ष का नया बीएड कोर्स शुरू किया जाएगा। साथ ही, बीएड केवल बहुविषयक (मल्टी-डिसिप्लिनरी) कॉलेजों में ही पढ़ाया जाएगा, जिससे शिक्षा व्यवस्था और अधिक मजबूत और व्यावहारिक बन सके।
इन बदलावों का उद्देश्य न केवल शिक्षक प्रशिक्षण को आधुनिक बनाना है, बल्कि छात्रों को ज्यादा विकल्प और बेहतर अवसर देना भी है। आइए, विस्तार से जानते हैं कि NCTE के इन नए नियमों के बाद बीएड कोर्स में क्या-क्या बदलाव आएंगे और इसका भविष्य में क्या असर होगा।
NCTE B.Ed Course
कोर्स नाम | बीएड (Bachelor of Education) |
नया बदलाव | एक वर्षीय बीएड कोर्स की शुरुआत, दो वर्षीय कोर्स का विकल्प सीमित |
लागू सत्र | 2026-27 से |
पात्रता | चार वर्षीय स्नातक डिग्री या पोस्टग्रेजुएट डिग्री (एक वर्षीय बीएड के लिए) |
कॉलेज का प्रकार | केवल मल्टी-डिसिप्लिनरी कॉलेज में ही बीएड कोर्स संचालित होंगे |
पुराने बीएड कॉलेज | 2030 तक बहुविषयक कॉलेज में मर्ज होना अनिवार्य |
प्रवेश प्रक्रिया | नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा |
पाठ्यक्रम की अवधि | एक वर्ष (चार वर्षीय स्नातक/पीजी के लिए), दो वर्ष (तीन वर्षीय स्नातक के लिए) |
अन्य विकल्प | चार वर्षीय इंटीग्रेटेड प्रोग्राम (BA-B.Ed, B.Sc-B.Ed, B.Com-B.Ed) |
उद्देश्य | शिक्षक प्रशिक्षण को व्यावहारिक, लचीला और गुणवत्तापूर्ण बनाना |
NCTE B.Ed Course Changes
NCTE (National Council for Teacher Education) ने बीएड कोर्स की संरचना में बड़ा बदलाव किया है। अब पारंपरिक दो वर्षीय बीएड कोर्स की जगह एक वर्षीय बीएड कोर्स लाया जा रहा है, जो 2026-27 सत्र से लागू होगा। इसके साथ ही, बीएड केवल उन्हीं कॉलेजों में पढ़ाया जा सकेगा, जो बहुविषयक यानी मल्टी-डिसिप्लिनरी होंगे। इसका अर्थ है कि ऐसे कॉलेजों में बीएड के अलावा अन्य डिग्री कोर्स (जैसे बीए, बीएससी, बीकॉम आदि) भी उपलब्ध होंगे।
बीएड कोर्स में क्या-क्या बदलाव हुए?
1. बीएड कोर्स की अवधि में बदलाव
- पहले: बीएड कोर्स दो वर्ष का होता था, जिसे तीन वर्षीय स्नातक डिग्री के बाद किया जाता था।
- अब: 2026-27 से एक वर्षीय बीएड कोर्स शुरू होगा, लेकिन इसमें केवल वे छात्र ही प्रवेश ले सकेंगे, जिन्होंने चार वर्षीय स्नातक डिग्री (जैसे BA, B.Sc, B.Com) या पोस्टग्रेजुएट डिग्री प्राप्त की हो।
- तीन वर्षीय स्नातक डिग्री वाले छात्रों के लिए दो वर्षीय बीएड कोर्स का विकल्प बना रहेगा।
2. कॉलेजों के लिए नए नियम
- अब कोई भी कॉलेज केवल बीएड कोर्स नहीं चला पाएगा। ऐसे सभी कॉलेजों को 2030 तक किसी बहुविषयक डिग्री कॉलेज के साथ मर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है।
- मर्ज होने के बाद, ये कॉलेज न केवल बीएड, बल्कि बीए, बीएससी, बीकॉम जैसे अन्य कोर्स भी ऑफर करेंगे।
- इससे कॉलेजों की छात्र संख्या बढ़ेगी और संस्थान मजबूत बनेंगे।
3. प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव
- अब बीएड और एमएड दोनों कोर्स में प्रवेश के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा देनी होगी।
- एक ही राष्ट्रव्यापी प्रवेश परीक्षा के जरिए इन कोर्सेज में दाखिला मिलेगा।
4. इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP)
- 12वीं के बाद शिक्षक बनने के इच्छुक छात्रों के लिए चार वर्षीय इंटीग्रेटेड प्रोग्राम (BA-B.Ed, B.Sc-B.Ed, B.Com-B.Ed) शुरू किए गए हैं।
- इन कोर्सेज में योग, फिजिकल एजुकेशन, संस्कृत एजुकेशन और आर्ट एजुकेशन जैसी स्पेशलाइजेशन भी शामिल की गई हैं।
- 2025-26 से ये कोर्स पायलट मोड से हटकर नियमित रूप से उपलब्ध होंगे।
5. बीएड कॉलेजों की स्थिति
- देश में लगभग 15,000 बीएड कॉलेज हैं, जिनमें से कई में छात्र संख्या कम होने के कारण बंद होने की नौबत आ गई थी।
- नए नियमों से इन कॉलेजों को बहुविषयक बनने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी स्थिति मजबूत होगी।
बीएड कोर्स: पात्रता, प्रवेश और करियर
पात्रता (Eligibility)
- एक वर्षीय बीएड कोर्स: चार वर्षीय स्नातक डिग्री (BA, B.Sc, B.Com आदि) या पोस्टग्रेजुएट डिग्री।
- दो वर्षीय बीएड कोर्स: तीन वर्षीय स्नातक डिग्री (किसी भी विषय में)।
- आवश्यक अंक: सामान्यतः 50-55% अंक स्नातक में आवश्यक होते हैं।
- आयु सीमा: अधिकतर कॉलेजों में कोई आयु सीमा नहीं है, लेकिन कुछ संस्थानों में न्यूनतम आयु 19 वर्ष हो सकती है।
प्रवेश प्रक्रिया (Admission Process)
- प्रवेश के लिए NTA द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी।
- मेरिट के आधार पर काउंसलिंग और सीट अलॉटमेंट किया जाएगा।
- इंटीग्रेटेड प्रोग्राम्स (ITEP) में भी प्रवेश परीक्षा के जरिए दाखिला मिलेगा।
बीएड कोर्स की फीस और कॉलेज
- फीस: बीएड कोर्स की फीस 40,000 से 2 लाख रुपये तक हो सकती है, जो कॉलेज और राज्य के अनुसार अलग-अलग होती है।
- प्रमुख कॉलेज: दिल्ली यूनिवर्सिटी, अमिटी यूनिवर्सिटी, इग्नू, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया आदि।
बीएड कोर्स के बाद करियर विकल्प
- ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (TGT)
- पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (PGT)
- सेकेंडरी टीचर
- वाइस-प्रिंसिपल, प्रिंसिपल
- कंटेंट डेवलपर, सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट
- सरकारी और निजी स्कूलों में शिक्षक
बीएड कोर्स का सिलेबस और स्पेशलाइजेशन
- चाइल्डहुड एंड ग्रोइंग अप
- लर्निंग एंड टीचिंग
- नॉलेज एंड करिकुलम
- स्कूल अटैचमेंट, प्री-इंटर्नशिप
- आर्ट्स इन एजुकेशन
- अस्सेसमेंट फॉर लर्निंग
- अंडरस्टैंडिंग द सेल्फ
नए नियमों का उद्देश्य और लाभ
- शिक्षक प्रशिक्षण को लचीला और गुणवत्तापूर्ण बनाना।
- छात्रों को जल्दी और बेहतर अवसर देना।
- बीएड कॉलेजों को बहुविषयक बनाकर संस्थानों को मजबूत करना।
- शिक्षा व्यवस्था को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप बनाना।
NCTE के नए नियम: छात्रों के लिए क्या नया?
- अब 12वीं के बाद भी शिक्षक बनने का रास्ता खुला है।
- चार वर्षीय इंटीग्रेटेड प्रोग्राम के जरिए जल्दी शिक्षक बनने का मौका।
- एक वर्षीय बीएड कोर्स से समय और संसाधन की बचत।
- मल्टी-डिसिप्लिनरी कॉलेजों में पढ़ाई से विविधता और बेहतर माहौल मिलेगा।
बीएड कोर्स: पुराने और नए सिस्टम की तुलना (तालिका)
विशेषता | पुराना सिस्टम (2025 तक) | नया सिस्टम (2026-27 से) |
---|---|---|
कोर्स की अवधि | 2 वर्ष (बीएड), 4 वर्ष (ITEP) | 1 वर्ष (बीएड), 4 वर्ष (ITEP) |
पात्रता | 3 वर्षीय स्नातक | 4 वर्षीय स्नातक/पीजी (1 वर्ष), 3 वर्षीय (2 वर्ष) |
कॉलेज का प्रकार | केवल बीएड कॉलेज भी मान्य | केवल मल्टी-डिसिप्लिनरी कॉलेज ही मान्य |
प्रवेश प्रक्रिया | कॉलेज/राज्य स्तर पर परीक्षा | NTA द्वारा एकल प्रवेश परीक्षा |
अन्य कोर्स | सीमित | BA-B.Ed, B.Sc-B.Ed, B.Com-B.Ed, स्पेशलाइजेशन |
उद्देश्य | शिक्षक प्रशिक्षण | व्यावहारिक, लचीला, गुणवत्तापूर्ण शिक्षक प्रशिक्षण |
लागू सत्र | 2025 तक | 2026-27 से |
बीएड कॉलेजों के लिए NCTE के नए दिशा-निर्देश
- सभी बीएड कॉलेजों को 2030 तक बहुविषयक कॉलेजों में मर्ज होना अनिवार्य है।
- यदि कोई बीएड कॉलेज 3 किमी के दायरे में किसी डिग्री कॉलेज के पास है, तो उसे उसमें मिल जाना होगा।
- 10 किमी के दायरे में होने पर दोनों मिलकर बीएड की पढ़ाई करवाएंगे।
- हर बीएड कोर्स में 50 छात्रों को दाखिला मिलेगा।
बीएड कोर्स के लिए जरूरी बातें (बुलेट पॉइंट्स)
- एक वर्षीय बीएड कोर्स सिर्फ चार वर्षीय स्नातक या पोस्टग्रेजुएट के लिए।
- तीन वर्षीय स्नातक वालों के लिए दो वर्षीय बीएड बना रहेगा।
- बीएड कॉलेजों को बहुविषयक बनना जरूरी।
- 12वीं के बाद चार वर्षीय इंटीग्रेटेड प्रोग्राम से भी शिक्षक बन सकते हैं।
- प्रवेश के लिए NTA द्वारा एकल परीक्षा।
- नए कोर्स में स्पेशलाइजेशन के विकल्प।
- बीएड कॉलेजों को 2030 तक बहुविषयक बनना अनिवार्य।
निष्कर्ष
NCTE के नए नियमों के तहत बीएड कोर्स और शिक्षक बनने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आया है। अब एक वर्षीय बीएड कोर्स के जरिए योग्य छात्र कम समय में शिक्षक बन सकेंगे, वहीं कॉलेजों को बहुविषयक बनाकर शिक्षा क्षेत्र को अधिक मजबूत और व्यावहारिक बनाया जा रहा है। 12वीं के बाद इंटीग्रेटेड प्रोग्राम्स के विकल्प भी छात्रों के लिए नए रास्ते खोल रहे हैं। कुल मिलाकर, ये बदलाव शिक्षक शिक्षा को आधुनिक, लचीला और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।
Disclaimer: यह लेख NCTE द्वारा हाल ही में घोषित और मीडिया में प्रकाशित नए नियमों और प्रस्तावों पर आधारित है। एक वर्षीय बीएड कोर्स और मल्टी-डिसिप्लिनरी कॉलेजों की अनिवार्यता 2026-27 सत्र से लागू होगी। हालांकि, अंतिम निर्णय और विस्तृत दिशा-निर्देश NCTE की ओर से समय-समय पर जारी किए जाएंगे। अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे प्रवेश से पहले संबंधित कॉलेज या NCTE की आधिकारिक वेबसाइट से नवीनतम जानकारी अवश्य प्राप्त करें।