दिल्ली-NCR में पेट्रोल-डीजल पर बैन! इन गाड़ियों को अब नहीं मिलेगा ईंधन- No Petrol Diesel Filling

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No Petrol Diesel Filling

दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण दिन-प्रतिदिन एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं, जिनमें सबसे बड़ा फैसला पुराने वाहनों पर पेट्रोल-डीजल की सप्लाई रोकने का है। अगर आपके पास भी पुरानी गाड़ी है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है।

हाल ही में दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि 1 जुलाई 2025 से तय उम्र से ज्यादा पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं मिलेगा। इस फैसले का असर लाखों वाहन मालिकों पर पड़ेगा और इसका उद्देश्य वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है।

इस आर्टिकल में हम विस्तार से बताएंगे कि किन गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा, सरकार ने यह फैसला क्यों लिया, इसका आपके ऊपर क्या असर होगा, और आगे आपको क्या करना चाहिए। साथ ही, हम आपको एक आसान टेबल के जरिए पूरी लिस्ट भी देंगे, जिससे आप तुरंत चेक कर सकें कि आपकी गाड़ी इस लिस्ट में है या नहीं।

No Petrol Diesel Filling

लागू क्षेत्रदिल्ली और एनसीआर (शुरुआत दिल्ली से)
लागू तिथि1 जुलाई 2025 (दिल्ली), 1 नवंबर 2025 (एनसीआर के अन्य जिले)
डीजल गाड़ियों की सीमा10 साल से ज्यादा पुराने वाहन
पेट्रोल गाड़ियों की सीमा15 साल से ज्यादा पुराने वाहन
फ्यूल सप्लाईनहीं मिलेगी
पहचान का तरीकाANPR कैमरे, स्मार्ट गैजेट्स
विकल्पगाड़ी स्क्रैप कराएं या NOC लेकर बाहर भेजें
लागू होने का कारणवायु प्रदूषण नियंत्रण
अपवादBS6, CNG, इलेक्ट्रिक वाहन
कानूनी कार्रवाईमोटर व्हीकल एक्ट, 1989 के तहत

किन गाड़ियों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल?

सरकार के नए नियम के अनुसार, अब दिल्ली और एनसीआर में कुछ खास उम्र पार कर चुकी गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। ये नियम 1 जुलाई 2025 से लागू हो रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य पुराने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करना है, क्योंकि ये गाड़ियां ज्यादा धुआं छोड़ती हैं और शहर की हवा को जहरीला बनाती हैं।

नए नियम के तहत:

  • 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहन
  • 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहन

इन दोनों तरह की गाड़ियों को अब दिल्ली के किसी भी पेट्रोल या डीजल पंप पर ईंधन नहीं मिलेगा। सरकार ने सभी फ्यूल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाने का आदेश दिया है, जो गाड़ी की उम्र पहचान लेंगे और नियम तोड़ने पर तुरंत अलर्ट देंगे।

पुराने वाहनों पर पेट्रोल-डीजल क्यों बंद किया जा रहा है?

दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर हर साल खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है, खासकर सर्दियों में। पुराने वाहन, जिनकी उम्र ज्यादा हो चुकी है, पर्यावरण के लिए सबसे बड़े खतरे बन चुके हैं। इन गाड़ियों से निकलने वाला धुआं और हानिकारक गैसें हवा को जहरीला बनाती हैं, जिससे सांस की बीमारियां, एलर्जी और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं।

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के पुराने आदेशों के आधार पर यह फैसला लिया है। 2014 और 2018 में कोर्ट ने पुराने पेट्रोल-डीजल वाहनों के संचालन और पार्किंग पर भी रोक लगाई थी। अब इस आदेश को सख्ती से लागू करने के लिए फ्यूल सप्लाई पर सीधा प्रतिबंध लगाया गया है।

नए नियमों का उद्देश्य

  • वायु गुणवत्ता में सुधार लाना
  • पुराने वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को रोकना
  • लोगों को इलेक्ट्रिक और CNG वाहनों की ओर प्रोत्साहित करना
  • दिल्ली को स्वच्छ और सुरक्षित बनाना

किन गाड़ियों पर लागू होंगे ये नियम?

  1. डीजल वाहन: जिनकी उम्र 10 साल से ज्यादा है।
  2. पेट्रोल वाहन: जिनकी उम्र 15 साल से ज्यादा है।

अगर आपकी गाड़ी इन सीमाओं में आती है, तो आपको 1 जुलाई 2025 के बाद दिल्ली में कहीं भी पेट्रोल या डीजल नहीं मिलेगा। NCR के अन्य जिलों में यह नियम 1 नवंबर 2025 से लागू होगा।

कैसे होगी गाड़ियों की पहचान?

सरकार ने सभी पेट्रोल और सीएनजी पंपों पर ANPR (Automatic Number Plate Recognition) कैमरे लगाने का आदेश दिया है। ये कैमरे गाड़ी की नंबर प्लेट पढ़कर उसकी उम्र का पता लगाएंगे। अगर कोई गाड़ी तय सीमा से ज्यादा पुरानी पाई गई, तो उसे फ्यूल नहीं मिलेगा।

इसके अलावा, पेट्रोल पंप कर्मचारी भी स्मार्ट गैजेट्स की मदद से गाड़ियों की पहचान करेंगे। इस सिस्टम के तहत नियम तोड़ने पर गाड़ी मालिक पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

क्या करना होगा पुराने वाहन मालिकों को?

  • गाड़ी स्क्रैप कराना: सरकार के रजिस्टर्ड स्क्रैपिंग सेंटर में अपनी गाड़ी स्क्रैप कराएं। इसके बदले आपको कुछ इंसेंटिव भी मिल सकता है।
  • NOC लेकर NCR से बाहर भेजना: आप अपनी गाड़ी के लिए NOC (No Objection Certificate) लेकर उसे NCR के बाहर किसी अन्य राज्य में ट्रांसफर कर सकते हैं। वहां ये नियम लागू नहीं हैं।

अगर आप इनमें से कोई कदम नहीं उठाते, तो आपकी गाड़ी जब्त भी की जा सकती है और मोटर व्हीकल एक्ट के तहत फाइन भी लग सकता है।

दिल्ली-NCR के किन इलाकों में लागू होंगे ये नियम?

  • दिल्ली: 1 जुलाई 2025 से
  • गाजियाबाद, गुरुग्राम, गौतमबुद्ध नगर (नोएडा), फरीदाबाद, सोनीपत: 1 नवंबर 2025 से
  • NCR के अन्य क्षेत्र: अप्रैल 2026 तक लागू करने की तैयारी

पुराने वाहनों पर पेट्रोल-डीजल बैन के फायदे

  • वायु प्रदूषण में कमी आएगी
  • स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों में गिरावट
  • सड़क पर सुरक्षित और नई टेक्नोलॉजी वाली गाड़ियां बढ़ेंगी
  • इलेक्ट्रिक और CNG वाहनों को बढ़ावा मिलेगा

इस नियम से किसे सबसे ज्यादा नुकसान?

  • जिनके पास 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल गाड़ी या 15 साल से ज्यादा पुरानी पेट्रोल गाड़ी है
  • टैक्सी, ऑटो, कमर्शियल वाहन मालिक
  • सेकंड हैंड गाड़ी खरीदने और बेचने वाले

सवाल-जवाब (FAQ)

Q1. क्या यह नियम पूरे भारत में लागू होगा?
नहीं, फिलहाल यह नियम सिर्फ दिल्ली और एनसीआर के कुछ जिलों में लागू किया जा रहा है। लेकिन भविष्य में अन्य बड़े शहरों में भी लागू हो सकता है।

Q2. अगर मेरी गाड़ी 9 साल 11 महीने पुरानी है, तो क्या मुझे फ्यूल मिलेगा?
हां, जब तक आपकी गाड़ी 10 साल (डीजल) या 15 साल (पेट्रोल) पूरी नहीं करती, तब तक आपको फ्यूल मिलता रहेगा।

Q3. क्या मैं अपनी पुरानी गाड़ी को दूसरे राज्य में ले जा सकता हूं?
हां, आप NOC लेकर अपनी गाड़ी को NCR के बाहर ट्रांसफर कर सकते हैं।

Q4. क्या CNG और इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर भी यह नियम लागू है?
नहीं, CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों पर यह प्रतिबंध नहीं है।

Q5. क्या मुझे सरकार से कोई मुआवजा मिलेगा?
अगर आप अपनी गाड़ी स्क्रैप कराते हैं, तो सरकार कुछ इंसेंटिव दे सकती है। इसकी जानकारी आपको स्थानीय परिवहन विभाग से मिलेगी।

भविष्य की तैयारी: क्या करें?

  • अगर आपकी गाड़ी पुराने नियम में आती है, तो अभी से नई गाड़ी खरीदने या इलेक्ट्रिक/CNG विकल्प चुनने की योजना बनाएं।
  • गाड़ी स्क्रैपिंग पॉलिसी की जानकारी लें और जरूरत पड़ने पर स्क्रैपिंग सेंटर से संपर्क करें।
  • अगर गाड़ी NCR से बाहर ट्रांसफर करनी है, तो समय रहते NOC के लिए आवेदन करें।

सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदम

  • दिल्ली में लगभग 90% पब्लिक CNG बसों को दिसंबर 2025 तक इलेक्ट्रिक बसों से बदला जाएगा।
  • सभी बड़े भवनों, होटलों और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य किया गया है।
  • प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों की पहचान कर उन पर भी सख्त कार्रवाई की जा रही है।

नियम लागू होने के बाद की स्थिति

  • पेट्रोल पंप पर ANPR कैमरा गाड़ी की नंबर प्लेट स्कैन करेगा।
  • अगर गाड़ी तय उम्र से ज्यादा पुरानी है, तो फ्यूल नहीं मिलेगा।
  • नियम तोड़ने पर गाड़ी जब्त हो सकती है या फाइन लग सकता है।
  • गाड़ी मालिक को या तो गाड़ी स्क्रैप करानी होगी या NCR से बाहर भेजनी होगी।

नियम का असर: आंकड़ों में

  • दिल्ली में करीब 60 लाख गाड़ियां इस नियम से प्रभावित हो सकती हैं।
  • NCR के अन्य जिलों में भी लाखों गाड़ियां इस दायरे में आती हैं।
  • 2018-21 के बीच 47.51 लाख ‘एंड ऑफ लाइफ’ वाहनों में से सिर्फ 2.98 लाख ही डीरजिस्टर हुए, बाकी अभी भी सड़कों पर हैं।

सारांश तालिका: पुराने वाहनों पर फ्यूल बैन

बिंदुजानकारी
लागू तिथि1 जुलाई 2025 (दिल्ली)
लागू क्षेत्रदिल्ली, NCR के कुछ जिले
डीजल गाड़ी सीमा10 साल
पेट्रोल गाड़ी सीमा15 साल
अपवादBS6, CNG, EV
पहचानANPR कैमरा, स्मार्ट गैजेट्स
विकल्पस्क्रैपिंग या NOC लेकर बाहर भेजना
कानूनी कार्रवाईजब्ती, फाइन, मोटर व्हीकल एक्ट

निष्कर्ष

दिल्ली और एनसीआर में पुराने पेट्रोल-डीजल वाहनों पर फ्यूल बैन का फैसला वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न सिर्फ हवा की गुणवत्ता सुधरेगी, बल्कि लोगों को नई टेक्नोलॉजी और पर्यावरण के अनुकूल वाहनों की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। हालांकि, जिनके पास पुरानी गाड़ियां हैं, उनके लिए यह फैसला मुश्किल भरा हो सकता है, लेकिन लंबे समय के लिए यह सभी के हित में है।

अगर आपकी गाड़ी इस नियम के दायरे में आती है, तो समय रहते विकल्प चुनें—या तो गाड़ी स्क्रैप कराएं या NCR से बाहर ट्रांसफर करें। साथ ही, इलेक्ट्रिक और CNG वाहनों की ओर बढ़ना भविष्य के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।

Disclaimer: यह जानकारी दिल्ली और एनसीआर में लागू होने वाले नए सरकारी आदेशों पर आधारित है। फिलहाल यह नियम सिर्फ दिल्ली और कुछ एनसीआर जिलों में लागू किया जा रहा है। बाकी राज्यों में अभी ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई है। अगर आप दिल्ली या एनसीआर में रहते हैं और आपकी गाड़ी पुराने नियम में आती है, तो यह खबर आपके लिए सच है और आपको तुरंत जरूरी कदम उठाने चाहिए।

सभी वाहन मालिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने वाहन के दस्तावेज और उम्र की जांच करें और समय रहते जरूरी कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में कोई परेशानी न हो।

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