Lucknow और पूरे उत्तर प्रदेश में बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार ने स्कूल वाहनों की जांच पर बड़ा अभियान शुरू किया है। हर साल स्कूल खुलने के समय कई ऐसे वाहन सामने आते हैं जो फिटनेस, परमिट, बीमा या सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करते। इससे बच्चों की जान को खतरा हो सकता है। इसी वजह से जुलाई 2025 से राज्यभर में Regional Transport Office (RTO) ने सख्त जांच अभियान शुरू किया है। इस बार सरकार ने साफ कर दिया है कि जो भी वाहन बिना फिटनेस या परमिट के बच्चों को स्कूल ले जाते पाए जाएंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें वाहन सीज करना, भारी जुर्माना और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ FIR तक शामिल है।
Lucknow में 1 जुलाई से स्कूल खुलते ही RTO की टीमों ने स्कूल बस, वैन, ऑटो और अन्य स्कूल वाहनों की जांच शुरू की। रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी में 1915 स्कूल वाहन रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 183 वाहन 15 साल से ज्यादा पुराने और कंडम हो चुके हैं। 258 वाहनों का फिटनेस या परमिट खत्म हो चुका है। इसके अलावा 72 वाहन ऐसे हैं जिनके पास न फिटनेस है न परमिट। ऐसे वाहनों को स्कूल खुलने से पहले ही दुरुस्त करने का नोटिस दिया गया था। लेकिन कई वाहन मालिकों ने अब तक नियम पूरे नहीं किए, इसलिए अब सख्त कार्रवाई हो रही है।
Lucknow Unfit School Vehicle Crackdown: Overview Table
पॉइंट्स | डिटेल्स |
अभियान की तारीख | 1 जुलाई 2025 से 15 जुलाई 2025 तक |
जांच का उद्देश्य | बच्चों की सुरक्षा, अनफिट वाहनों की पहचान |
कुल रजिस्टर्ड स्कूल वाहन | 1915 (Lucknow में) |
कंडम घोषित वाहन | 183 |
बिना फिटनेस या परमिट वाले वाहन | 258 |
जिनके पास न फिटनेस न परमिट | 72 |
अभियान में कार्रवाई | वाहन सीज, चालान, FIR, स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई |
जरूरी दस्तावेज और सुरक्षा मानक | फिटनेस, परमिट, बीमा, फर्स्ट एड, CCTV, GPS आदि |
जुर्माना राशि | ₹5,000 से ₹50,000 तक, बार-बार उल्लंघन पर सीज |
स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी | सभी दस्तावेज पूरे कराना, बच्चों की सुरक्षा देखना |
अभियान की मुख्य बातें
- 15 दिन का सख्त अभियान: 1 से 15 जुलाई तक Lucknow समेत पूरे प्रदेश में हर दिन स्कूल वाहनों की चेकिंग हो रही है।
- Zero Tolerance Policy: कोई भी अनफिट या बिना परमिट वाहन बच्चों को ले जाता मिला तो तुरंत FIR, सीजिंग और भारी जुर्माना लगेगा।
- स्कूल प्रबंधन भी जिम्मेदार: सिर्फ वाहन मालिक ही नहीं, स्कूल प्रबंधन पर भी कार्रवाई होगी।
- वाहन मालिकों को नोटिस: पहले ही सभी वाहन मालिकों को नियम पूरे करने का नोटिस दिया गया था।
- फिटनेस सर्टिफिकेट जरूरी: बिना फिटनेस के कोई भी स्कूल वाहन नहीं चलेगा।
- सुरक्षा मानक: सभी स्कूल वाहनों में फायर एक्सटिंग्विशर, फर्स्ट एड बॉक्स, GPS, CCTV, मजबूत ग्रिल, पुलिस वेरिफाइड ड्राइवर, स्कूल अटेंडेंट जरूरी है।
स्कूल वाहन चेकिंग अभियान क्यों जरूरी?
- बच्चों की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
- पुराने, जर्जर या बिना फिटनेस के वाहन कभी भी हादसे का कारण बन सकते हैं।
- कई बार परमिट या बीमा के बिना वाहन चलते हैं, जिससे दुर्घटना होने पर बच्चों को नुकसान हो सकता है।
- सरकार की कोशिश है कि हर बच्चा सुरक्षित स्कूल जाए और लौटे।
क्या होगी कार्रवाई? (Action on Unfit School Vehicles)
- वाहन सीज: अनफिट या बिना परमिट वाले वाहन तुरंत सीज किए जाएंगे।
- भारी जुर्माना: पहली बार में ₹5,000 से ₹10,000 तक जुर्माना, बार-बार उल्लंघन पर ₹50,000 तक।
- FIR दर्ज: बच्चों को ले जाते पाए जाने पर वाहन मालिक और स्कूल प्रबंधन दोनों पर FIR।
- स्कूल की मान्यता पर असर: बार-बार नियम तोड़ने पर स्कूल की मान्यता भी रद्द हो सकती है।
- ड्राइवर का लाइसेंस सस्पेंड: बिना लाइसेंस या पुलिस वेरिफिकेशन के ड्राइवर मिलने पर लाइसेंस सस्पेंड।
स्कूल वाहन के लिए जरूरी Documents और Safety Norms
- फिटनेस सर्टिफिकेट
- वैध परमिट
- बीमा
- पॉल्यूशन सर्टिफिकेट
- फर्स्ट एड बॉक्स
- फायर एक्सटिंग्विशर
- GPS और CCTV कैमरा
- स्कूल का नाम, फोन नंबर और इमरजेंसी नंबर लिखा होना
- मजबूत ग्रिल और लॉकिंग सिस्टम
- पुलिस वेरिफाइड ड्राइवर और स्कूल अटेंडेंट
Lucknow में अब तक की कार्रवाई
- 16 वाहन सीज किए गए, जिनके पास फिटनेस नहीं था।
- 28 वाहनों का चालान किया गया, जो बिना परमिट चल रहे थे।
- 45 वाहनों ने चेकिंग के बाद फिटनेस सर्टिफिकेट लिया, लेकिन 77 वाहन अब भी अनफिट हैं।
- 176 पुराने और जर्जर वाहनों का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने का आदेश दिया गया है।
Parents के लिए जरूरी सलाह
- बच्चों को भेजने से पहले स्कूल वाहन की जांच खुद करें।
- ड्राइवर और अटेंडेंट की जानकारी जरूर लें।
- वाहन में फर्स्ट एड बॉक्स, फायर एक्सटिंग्विशर, GPS, CCTV है या नहीं देखें।
- स्कूल से वाहन के सभी दस्तावेज दिखाने को कहें।
- किसी भी गड़बड़ी की सूचना तुरंत RTO या स्कूल प्रशासन को दें।
RTO की Guidelines for School Vehicles
- सभी स्कूल वाहन पीले रंग में पेंट हों।
- ‘School On Duty’ बोर्ड आगे और पीछे साफ लिखा हो।
- हर वाहन में बच्चों के लिए पर्याप्त जगह और सुरक्षा इंतजाम हों।
- स्कूल वाहन के सभी दस्तावेज अपडेटेड हों।
- स्कूल प्रबंधन को अपने सभी वाहनों का डेटा पोर्टल पर दर्ज कराना जरूरी है।
- ड्राइवर और अटेंडेंट का पुलिस वेरिफिकेशन और ID कार्ड जरूरी है।
जुर्माना और सजा का Structure
अपराध | पहली बार का जुर्माना | बार-बार उल्लंघन पर | अन्य कार्रवाई |
बिना फिटनेस सर्टिफिकेट | ₹5,000 | ₹10,000 | वाहन सीज |
बिना परमिट | ₹10,000 | ₹50,000 | पंजीकरण निरस्त |
बिना बीमा | ₹10,000 | ₹50,000 | वाहन सीज |
बिना लाइसेंस ड्राइवर | ₹5,000 | लाइसेंस सस्पेंड | FIR |
ओवरलोडिंग | ₹2,000 प्रति बच्चा | ||
सुरक्षा मानक न मानना | नोटिस, मान्यता रद्द |
स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी
- सभी स्कूल वाहन समय पर फिटनेस, परमिट, बीमा आदि पूरे कराएं।
- बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपकरण और स्टाफ रखें।
- ड्राइवर, अटेंडेंट का पुलिस वेरिफिकेशन और ट्रेनिंग कराएं।
- बच्चों के माता-पिता को वाहन की जानकारी दें।
- किसी भी गड़बड़ी पर तुरंत RTO को सूचित करें।
Parents और Students की भूमिका
- बच्चों को सुरक्षा नियमों की जानकारी दें।
- वाहन में चढ़ते-उतरते समय सावधानी बरतें।
- किसी भी गड़बड़ी की फोटो या वीडियो बनाकर स्कूल या RTO को भेजें।
अभियान का असर
- कई पुराने और अनफिट वाहन सड़कों से हटाए गए।
- स्कूल प्रशासन अब ज्यादा सतर्क हो गया है।
- बच्चों की सुरक्षा के लिए जागरूकता बढ़ी है।
- वाहन मालिकों में नियम पालन की प्रवृत्ति बढ़ी है।
आगे की योजना
- हर साल स्कूल खुलने से पहले वाहन चेकिंग अभियान चलेगा।
- सभी स्कूलों को अपने वाहन और ड्राइवर का डेटा पोर्टल पर रजिस्टर करना होगा।
- बार-बार नियम तोड़ने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द की जा सकती है।
- बच्चों की सुरक्षा के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
Disclaimer:
यह अभियान और नियम सरकार द्वारा बच्चों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह असली और लागू किए गए हैं। Lucknow और पूरे उत्तर प्रदेश में जुलाई 2025 से यह अभियान सख्ती से चल रहा है। अगर आप स्कूल प्रबंधन, वाहन मालिक या पेरेंट्स हैं तो इन नियमों का पालन करना जरूरी है। कोई भी जानकारी या बदलाव के लिए अपने नजदीकी RTO या स्कूल प्रशासन से संपर्क करें।