Train Ticket Booking: 60 दिन पहले सीटें कम क्यों दिखती हैं? जानें 100% कन्फर्म टिकट बुकिंग की ट्रिक

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Advance Train Ticket Booking

भारतीय रेलवे, जो दुनिया की सबसे बड़ी रेलवे प्रणालियों में से एक है, हमेशा से यात्रियों के लिए सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा का माध्यम रही है। लेकिन हाल ही में, रेलवे ने ट्रेन टिकट बुकिंग के नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब यात्री केवल 60 दिन पहले से ही टिकट बुक कर सकते हैं, जबकि पहले यह अवधि 120 दिन थी।

इस बदलाव के बाद कई यात्रियों को यह समझने में कठिनाई हो रही है कि 60 दिन पहले की बुकिंग में भी सीटें कम क्यों दिखाई देती हैं। इस लेख में हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे कि 60 दिन की बुकिंग में सीटें कम क्यों दिखती हैं, इसके पीछे के कारण क्या हैं, और हम आपको बताएंगे कि आप कैसे 100% कन्फर्म टिकट बुक कर सकते हैं। इसके अलावा, हम नए नियमों और उनकी प्रभावशीलता पर भी चर्चा करेंगे।

60 दिन की बुकिंग में सीटों की कमी-

विशेषताविवरण
एडवांस रिजर्वेशन अवधि120 दिन से घटाकर 60 दिन किया गया
वेटिंग लिस्ट समस्याअधिक यात्रियों के कारण बनी रहती है
एसी और जनरल कोचवेटिंग टिकट धारकों को केवल जनरल कोच में यात्रा की अनुमति
टिकट दलालों की भूमिकाबड़ी संख्या में टिकट बुक करने से सीटें कम होती हैं
त्योहारी सीजन का प्रभावमांग बढ़ने पर सीटें जल्दी भर जाती हैं
ट्रेन की सीमित क्षमताट्रेनों में सीमित सीटों के कारण वेटिंग लिस्ट

60 दिन की बुकिंग: मुख्य कारण

1. एडवांस रिजर्वेशन अवधि का बदलाव

भारतीय रेलवे ने एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (ARP) को घटाकर 60 दिन किया है। इसका उद्देश्य यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करना और वेटिंग लिस्ट की समस्या को कम करना था। लेकिन जब आप केवल 60 दिन पहले टिकट बुक करते हैं, तो यात्रियों की संख्या अधिक होती है, जिससे सीटें जल्दी भर जाती हैं।

2. वेटिंग लिस्ट का निर्माण

जब ट्रेन की सभी सीटें भर जाती हैं और कुछ यात्री टिकट खरीदते हैं, तो उन्हें वेटिंग लिस्ट में डाल दिया जाता है। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब यात्रा के समय अधिक लोग यात्रा करते हैं।

3. टिकट दलालों का प्रभाव

कुछ टिकट एजेंट बड़ी संख्या में टिकट बुक कर लेते हैं और उन्हें फिर ब्लैक मार्केट में बेच देते हैं। इससे सामान्य यात्रियों के लिए सीटें उपलब्ध नहीं होतीं।

4. त्योहारी सीजन का प्रभाव

त्योहारों के दौरान जैसे कि दिवाली या छठ पूजा, यात्रियों की संख्या अचानक बढ़ जाती है। इस समय ट्रेनों में अधिक भीड़ होती है, जिससे सीटें जल्दी भर जाती हैं और वेटिंग लिस्ट बन जाती है।

वेटिंग लिस्ट के कारण

1. सीमित ट्रेन क्षमता

ट्रेन में सीटों की संख्या सीमित होती है। जब मांग अधिक होती है, तो सभी सीटें जल्दी भर जाती हैं और वेटिंग लिस्ट बन जाती है।

2. नो-शो प्रवृत्ति

कई यात्री अपनी यात्रा के लिए टिकट बुक करते हैं लेकिन बाद में यात्रा नहीं करते। इस “नो-शो” प्रवृत्ति के कारण भी सीटों का सही उपयोग नहीं हो पाता।

3. यात्रा योजना का अभाव

कुछ यात्री अपनी यात्रा योजना अंतिम समय पर बनाते हैं, जिससे उन्हें कन्फर्म टिकट प्राप्त करने में कठिनाई होती है।

100% कन्फर्म टिकट कैसे बुक करें?

1. सही समय पर बुकिंग करें

टिकट बुक करते समय सुनिश्चित करें कि आप सही समय पर बुकिंग कर रहे हों। यदि संभव हो तो पहले ही दिन बुक करें जब टिकट खुलते हैं।

2. तत्काल (Tatkal) योजना का उपयोग करें

यदि आपकी यात्रा तात्कालिक है, तो तत्काल योजना का उपयोग करें। इससे आपको जल्दी कन्फर्म टिकट प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।

3. विभिन्न मार्गों पर विचार करें

यदि एक मार्ग पर सभी सीटें भरी हुई हैं, तो वैकल्पिक मार्गों पर विचार करें। इससे आपको कन्फर्म टिकट मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।

4. ऑनलाइन प्लेटफार्म का उपयोग करें

ऑनलाइन प्लेटफार्म जैसे IRCTC वेबसाइट या ऐप का उपयोग करें। ये प्लेटफार्म आपको तत्काल जानकारी देते हैं और आसानी से बुकिंग करने की सुविधा प्रदान करते हैं।

नए नियमों का प्रभाव

  • वेटिंग टिकट धारकों को केवल जनरल कोच में यात्रा करने की अनुमति होगी।
  • लंबी अवधि की एडवांस बुकिंग अब संभव नहीं होगी।
  • कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
  • टिकट दलालों की गतिविधियों पर अंकुश लगेगा।

निष्कर्ष

इस लेख में हमने देखा कि कैसे भारतीय रेलवे ने एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (ARP) को घटाकर 60 दिन किया और इसके पीछे क्या कारण थे। हमने यह भी जाना कि क्यों 60 दिन पहले की बुकिंग में भी वेटिंग लिस्ट बनी रहती है और इसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

यात्रियों को चाहिए कि वे इन नए नियमों का ध्यान रखें और अपनी यात्रा योजना बनाने के लिए उचित कदम उठाएं ताकि वे कन्फर्म टिकट प्राप्त कर सकें।

Disclaimer: यह लेख भारतीय रेलवे द्वारा जारी किए गए नए नियमों और उनके प्रभावों पर आधारित है। नए नियम वास्तविक हैं और यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं। हालांकि, वेटिंग लिस्ट की समस्या अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। यात्रियों को अपनी यात्रा योजना बनाते समय इन नियमों का ध्यान रखना चाहिए।

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