1 अप्रैल से शराब पर लगे नए नियम, 2 गुना महंगी बीयर और ₹100 तक झटका हर बोतल पर – जानिए New Excise Policy

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New Excise Policy

राजस्थान और अन्य राज्यों में नई आबकारी नीति (Excise Policy) के तहत शराब और बीयर की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी गई है। यह फैसला 1 अप्रैल 2025 से लागू हो चुका है। गर्मी की शुरुआत के साथ ही इस बढ़ोतरी ने शराब प्रेमियों को बड़ा झटका दिया है। बीयर की कीमत में 15 रुपये और शराब की बोतलों पर 20 से 200 रुपये तक का इजाफा किया गया है।

सरकार ने यह कदम राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया है, लेकिन इससे उपभोक्ताओं की जेब पर भारी असर पड़ रहा है। नई नीति के तहत, बीयर की एक बोतल अब 175 रुपये और प्रीमियम शराब की बोतल 1035 रुपये तक पहुंच गई है। इस लेख में हम नई नीति के प्रभाव, इसके कारण, और इससे जुड़े विवादों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

New Excise Policy

विशेषताविवरण
नीति लागू होने की तिथि1 अप्रैल 2025
बीयर की कीमत वृद्धि15 रुपये
शराब की कीमत वृद्धि20 से 200 रुपये
बीयर की नई कीमत175 रुपये
प्रीमियम शराब की नई कीमत1035 रुपये
उद्देश्यराजस्व वृद्धि

नई आबकारी नीति के कारण

  1. राजस्व बढ़ाने का प्रयास:
  • सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर राज्य के राजस्व को बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
  1. अवैध तस्करी रोकने का प्रयास:
  • सस्ती शराब और तस्करी पर रोक लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
  1. शराब उपभोग को नियंत्रित करना:
  • उच्च कीमतों के माध्यम से शराब के उपभोग को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है।

नई दरें: कितनी महंगी हुई शराब और बीयर?

  • बीयर की एक बोतल: 175 रुपये
  • प्रीमियम शराब: 1035 रुपये तक
  • सामान्य श्रेणी की शराब: 20-50 रुपये महंगी

उपभोक्ताओं पर प्रभाव

  1. जेब पर भारी असर:
  • निम्न और मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं को इस बढ़ोतरी से आर्थिक दबाव महसूस हो रहा है।
  1. अवैध शराब का खतरा:
  • महंगी शराब के चलते लोग सस्ती और कच्ची शराब की ओर रुख कर सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य और सुरक्षा पर खतरा मंडरा सकता है।
  1. युवाओं पर प्रभाव:
  • युवाओं में महंगी शराब खरीदने की क्षमता कम होने से उनके उपभोग पैटर्न में बदलाव आ सकता है।

दुकानों पर विवाद

नई दरें लागू होते ही कई दुकानों पर ग्राहकों और दुकानदारों के बीच बहस देखने को मिली।

  • ग्राहक आरोप लगा रहे हैं कि दुकानदार पुराने स्टॉक पर भी नए रेट वसूल रहे हैं।
  • दुकानदारों का कहना है कि उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित नई दरों पर ही बेचने का निर्देश दिया गया है।

अन्य राज्यों में स्थिति

राजस्थान:

  • बीयर और शराब की कीमतें बढ़ने से तस्करी का खतरा बढ़ गया है।
  • पड़ोसी राज्यों जैसे पंजाब और हरियाणा में सस्ती शराब होने के कारण अवैध तस्करी हो सकती है।

छत्तीसगढ़:

  • छत्तीसगढ़ में इसके विपरीत, शराब की कीमतों में कमी आई है।
  • प्रीमियम ब्रांड्स पर 3000 रुपये तक की गिरावट दर्ज हुई है।

जम्मू-कश्मीर:

  • जम्मू-कश्मीर में भी शराब और बीयर की कीमतों में 5% तक वृद्धि हुई है।

विवादित मुद्दे

  1. पुराने स्टॉक पर नए दाम:
  • कई दुकानदार पुराने स्टॉक पर भी नए दाम वसूल रहे हैं, जिससे ग्राहक नाराज हैं।
  1. कमीशन घटने से ठेकेदार नाराज:
  • ठेकेदारों का आरोप है कि सरकार ने उनकी कमीशन घटाकर व्यापार को नुकसान पहुंचाया है।
  1. अवैध तस्करी:
  • पड़ोसी राज्यों से सस्ती शराब लाने के मामले बढ़ सकते हैं, जिससे पुलिस-प्रशासन पर दबाव बढ़ेगा।

समाधान और सुझाव

  1. पारदर्शिता:
  • दुकानों पर स्पष्ट रेट लिस्ट लगाई जानी चाहिए ताकि ग्राहकों को सही जानकारी मिल सके।
  1. अवैध तस्करी पर रोक:
  • पुलिस-प्रशासन को तस्करी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।
  1. ग्राहकों को जागरूक करना:
  • ग्राहकों को कच्ची और अवैध शराब के खतरों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

  1. क्या सभी राज्यों में शराब महंगी हुई है?
  • नहीं, कुछ राज्यों जैसे छत्तीसगढ़ में कीमतें कम हुई हैं जबकि राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में बढ़ोतरी हुई है।
  1. क्या पुरानी स्टॉक वाली बोतलों पर नए दाम वसूले जा सकते हैं?
  • नहीं, ऐसा करना नियमों का उल्लंघन माना जाता है।
  1. क्या यह नीति स्थायी होगी?
  • यह सरकार की नीति पर निर्भर करता है; समय-समय पर इसमें बदलाव हो सकता है।
  1. क्या इससे अवैध तस्करी बढ़ेगी?
  • हाँ, पड़ोसी राज्यों में सस्ती दरें होने से तस्करी का खतरा बढ़ सकता है।

निष्कर्ष

नई आबकारी नीति ने जहां सरकार को राजस्व वृद्धि का अवसर दिया है, वहीं आम जनता खासकर निम्न और मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं को आर्थिक दबाव झेलना पड़ रहा है। इसके अलावा, अवैध तस्करी और कच्ची शराब जैसे मुद्दे भी उभर सकते हैं।

सरकार को चाहिए कि वह इस नीति के प्रभावों का गहराई से विश्लेषण करे और उपभोक्ताओं तथा व्यापारियों दोनों के हितों का ध्यान रखे।

Disclaimer: यह जानकारी विभिन्न स्रोतों से प्राप्त तथ्यों पर आधारित है। कृपया अपने स्थानीय नियमों और नीतियों की पुष्टि करें।

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