किसानों और व्यापारियों के लिए मंडी भाव की जानकारी सबसे महत्वपूर्ण होती है। सोयाबीन से लेकर लहसुन तक, यहां आपको मिलेगा हर अनाज और सब्जी का अपडेटेड रेट। चाहे आप फसल बेचने की योजना बना रहे हों या बाजार के ट्रेंड समझना चाहते हों, यह आर्टिकल आपके लिए एक क्लिक में पूरी जानकारी लेकर आया है।
भारत में कृषि उत्पादों की कीमतें मौसम, मांग-आपूर्ति और सरकारी नीतियों पर निर्भर करती हैं। गेहूं और चना जैसे अनाजों का भाव सीधे राशन की दुकानों से लेकर होटलों तक को प्रभावित करता है। वहीं, सोयाबीन और लहसुन जैसी फसलों के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार से भी जुड़े होते हैं। आइए, आज के मंडी भाव और इनकी प्रमुख विशेषताओं को विस्तार से समझते हैं।
Mandi Rate
कमोडिटी | औसत मूल्य (प्रति क्विंटल) | न्यूनतम-अधिकतम मूल्य | प्रमुख राज्य |
---|---|---|---|
सोयाबीन | ₹4,068–₹4,500 | ₹1,751–₹4,570 | मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र |
गेहूं | ₹2,750–₹3,051 | ₹2,200–₹3,051 | पंजाब, उत्तर प्रदेश |
चना | ₹4,800–₹6,890 | ₹4,800–₹6,890 | राजस्थान, कर्नाटक |
लहसुन | ₹11,857 | ₹2,400–₹24,000 | गुजरात, मध्य प्रदेश |
सोयाबीन का मंडी भाव
सोयाबीन प्रोटीन और तेल का प्रमुख स्रोत है। आज के मंडी भाव के अनुसार:
- औसत मूल्य: ₹4,068–₹4,500 प्रति क्विंटल।
- सबसे कम दाम: मध्य प्रदेश के देवास में ₹3,450।
- सबसे ज्यादा दाम: गुजरात के जामनगर में ₹4,945।
राज्यवार कीमतें:
- मध्य प्रदेश: ₹3,590–₹4,230 (इंदौर मंडी)।
- गुजरात: ₹4,625–₹4,945।
- कर्नाटक: ₹4,800–₹4,800।
गेहूं का मंडी भाव
गेहूं भारत की स्टेपल फसल है। कोटा मंडी में आज का भाव:
- पुराना गेहूं: ₹2,750–₹3,051।
- नया गेहूं: ₹2,700–₹2,951।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- राजस्थान में न्यूनतम दाम ₹2,200 देखे गए।
- पंजाब और हरियाणा में कीमतें ₹2,800–₹3,051 के बीच हैं।
चना का मंडी भाव
चना प्रोटीन और फाइबर का सस्ता स्रोत है। आज के भाव:
- देशी चना: ₹4,800–₹5,300।
- मौसमी चना: ₹6,890–₹6,890।
राज्यवार विवरण:
- राजस्थान: ₹5,400–₹5,700 (पुरानी सरसों के साथ)।
- कर्नाटक: ₹4,800–₹5,050।
लहसुन का मंडी भाव
लहसुन मसालों और औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है।
- औसत मूल्य: ₹11,857 प्रति क्विंटल।
- न्यूनतम भाव: ₹2,400 (कुछ मंडियों में)।
- अधिकतम भाव: ₹24,000।
क्यों है इतना अंतर?
- गुणवत्ता: बड़े और ताजे लहसुन की कीमत अधिक।
- मांग: सर्दियों में दाम बढ़ते हैं।
मंडी भाव को प्रभावित करने वाले कारक
- मौसम: बारिश या सूखे से फसल उत्पादन प्रभावित होता है।
- सरकारी नीतियां: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और आयात-निर्यात नियम।
- ग्लोबल मार्केट: सोयाबीन और गेहूं के अंतरराष्ट्रीय दाम।
किसानों के लिए सुझाव
- मंडी ट्रेंड समझने के लिए e-NAM पोर्टल का उपयोग करें।
- भंडारण सुविधाओं को अपग्रेड करें ताकि मंडी भाव गिरने पर नुकसान न हो।
- सरकारी योजनाओं जैसे PM-KISAN का लाभ उठाएं।
तालिका: आवश्यक जानकारी
श्रेणी | विवरण |
---|---|
सोयाबीन | मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा उत्पादन, तेल और दूध उद्योग में मांग। |
गेहूं | उत्तर भारत में उत्पादन अधिक, रोटी और बेकरी उत्पादों में उपयोग। |
चना | दाल के रूप में प्रयोग, प्रोटीन का सस्ता स्रोत। |
लहसुन | औषधीय गुणों के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग। |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1: मंडी भाव कैसे चेक करें?
A: राज्य सरकारों के कृषि पोर्टल या CommodityOnline जैसी वेबसाइट्स पर जाएं।
Q2: लहसुन के दाम इतने ऊंचे क्यों?
A: मौसमी कमी और निर्यात मांग के कारण कीमतें बढ़ती हैं।
Q3: गेहूं का MSP क्या है?
A: 2024-25 में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹2,275 प्रति क्विंटल है।
निष्कर्ष
मंडी भाव की जानकारी होने से किसान सही समय पर फसल बेचकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। सोयाबीन और लहसुन जैसी फसलों में मूल्य उतार-चढ़ाव अधिक होता है, इसलिए बाजार ट्रेंड को समझना जरूरी है।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दिए गए मंडी भाव विभिन्न स्रोतों से एकत्रित किए गए हैं। ये कीमतें समय और स्थान के अनुसार बदल सकती हैं। किसी भी लेन-देन से पहले स्थानीय मंडी से सीधे संपर्क करें। कमोडिटीऑनलाइन जैसी वेबसाइट्स पर दी गई कीमतें केवल सांकेतिक हैं, और इन्हें अंतिम मूल्य नहीं माना जाना चाहिए।