B.Ed Course New Rule 2025: NCTE की नई गाइडलाइन से बदल जाएगा टीचर बनने का तरीका

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शिक्षक बनने का सपना देखने वाले लाखों युवाओं के लिए B.Ed (बैचलर ऑफ एजुकेशन) कोर्स हमेशा से पहली पसंद रहा है। लेकिन हाल ही में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने B.Ed कोर्स के नियमों में ऐतिहासिक बदलावों की घोषणा की है। इन नए नियमों का उद्देश्य शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना, शिक्षा व्यवस्था को अधिक व्यावहारिक बनाना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप एक मजबूत ढांचा तैयार करना है।

इन बदलावों के तहत B.Ed कोर्स की संरचना, कॉलेजों की मान्यता, सीटों की संख्या, प्रवेश प्रक्रिया, और कोर्स की अवधि में कई अहम परिवर्तन किए गए हैं। यह बदलाव न केवल नए छात्रों, बल्कि वर्तमान में पढ़ रहे विद्यार्थियों और कॉलेजों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि B.Ed कोर्स में क्या-क्या बदलाव हुए हैं, इनका छात्रों और कॉलेजों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, और आपको क्या तैयारी करनी चाहिए।

B.Ed Course New Rules

गाइडलाइन जारी करने वाली संस्थाNCTE (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन)
लागू सत्र2025-26 (कुछ बदलाव 2026-27 से)
मुख्य बदलावकेवल मल्टीडिसिप्लिनरी कॉलेजों में B.Ed कोर्स
अकेले B.Ed कॉलेज3-10 किमी के भीतर डिग्री कॉलेज से मर्ज होंगे
सीटों की संख्या50 छात्र प्रति कोर्स
नया कोर्स4 साल का ITEP (इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम)
प्रवेश प्रक्रियाNCET (नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) के जरिए
एक वर्षीय B.Ed2026-27 से 4 वर्षीय ग्रेजुएट्स/पोस्टग्रेजुएट्स के लिए
2 वर्षीय B.Ed2025-26 तक 3 वर्षीय ग्रेजुएट्स के लिए जारी
उद्देश्यशिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना

B.Ed कोर्स नियम बदलाव: मुख्य जानकारी और नया स्ट्रक्चर

B.Ed कोर्स में बड़ा बदलाव का मुख्य उद्देश्य शिक्षक शिक्षा को बहुविषयक (मल्टीडिसिप्लिनरी) बनाना, कोर्स की गुणवत्ता बढ़ाना और छात्रों को बेहतर शैक्षणिक माहौल देना है। NCTE द्वारा जारी नई गाइडलाइन के अनुसार, अब B.Ed कोर्स केवल उन्हीं कॉलेजों में संचालित होंगे जो मल्टीडिसिप्लिनरी हैं, यानी जहां BA, BSc, BCom, B.Ed आदि डिग्री एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी।

NCTE B.Ed कोर्स में बदलाव: विस्तार से समझिए

1. सिर्फ मल्टीडिसिप्लिनरी कॉलेजों में ही B.Ed

अब देश में कोई भी कॉलेज सिर्फ B.Ed की डिग्री नहीं दे सकेगा। NCTE के अनुसार, अकेले B.Ed कॉलेजों को या तो बंद करना होगा या पास के डिग्री कॉलेज (3-10 किमी के दायरे में) में मर्ज करना होगा। इससे छात्रों को एक ही परिसर में विभिन्न विषयों की पढ़ाई का अवसर मिलेगा और शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा।

2. कॉलेजों का मर्जर और 2030 तक का लक्ष्य

NCTE ने स्पष्ट किया है कि 2030 तक सभी B.Ed कॉलेजों को मल्टीडिसिप्लिनरी संस्थानों में बदलना अनिवार्य होगा। जिन कॉलेजों में केवल B.Ed चलता है, उन्हें किसी बहुविषयक कॉलेज के साथ मर्ज करना होगा। इससे कॉलेजों की संख्या घटेगी, लेकिन गुणवत्ता में सुधार होगा।

3. सीटों की संख्या सीमित

अब प्रत्येक B.Ed कोर्स में अधिकतम 50 छात्रों को ही प्रवेश मिलेगा। इससे छात्र-शिक्षक अनुपात बेहतर होगा, व्यक्तिगत मार्गदर्शन मिलेगा और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी।

4. एक वर्षीय और दो वर्षीय B.Ed कोर्स की वापसी

  • एक वर्षीय B.Ed: 2026-27 से, जिन छात्रों ने चार वर्षीय ग्रेजुएशन या पोस्टग्रेजुएशन किया है, वे एक वर्षीय B.Ed कर सकेंगे।
  • दो वर्षीय B.Ed: जिनके पास तीन वर्षीय ग्रेजुएशन है, उनके लिए दो वर्षीय B.Ed कोर्स 2025-26 तक जारी रहेगा।
  • चार वर्षीय ITEP: 12वीं के बाद सीधे शिक्षक बनने के इच्छुक छात्रों के लिए चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) लागू किया गया है, जो 2025-26 से मुख्यधारा का कोर्स बन जाएगा।

5. प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव

अब B.Ed कोर्स में प्रवेश NCET (नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) के जरिए होगा। इससे पूरे देश में एक समान और पारदर्शी चयन प्रक्रिया सुनिश्चित होगी।

6. पुराने छात्रों और कॉलेजों पर असर

  • वर्तमान में पढ़ रहे छात्रों की डिग्री मान्य रहेगी।
  • जिन कॉलेजों में केवल B.Ed चलता है, उन्हें मर्जर या बंद होने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।
  • छोटे कॉलेजों के लिए NCTE ने सहयोग (collaboration) का विकल्प भी दिया है, जिससे वे पास के बहुविषयक कॉलेज के साथ संसाधन साझा कर सकते हैं।

NCTE B.Ed कोर्स नियम बदलाव का उद्देश्य और फायदे

  • शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार: मल्टीडिसिप्लिनरी माहौल से छात्रों को अन्य विषयों का भी ज्ञान मिलेगा, जिससे वे बेहतर शिक्षक बनेंगे।
  • प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पर जोर: नए कोर्स स्ट्रक्चर में इंटर्नशिप, फील्ड वर्क, और कम्युनिटी इंगेजमेंट को शामिल किया गया है।
  • शिक्षक बनने के कई रास्ते: 12वीं के बाद ITEP, ग्रेजुएशन के बाद दो वर्षीय B.Ed, और पोस्टग्रेजुएट्स के लिए एक वर्षीय B.Ed – यानी हर स्तर पर विकल्प।
  • कॉलेजों की स्थिरता: छोटे कॉलेजों को मर्जर या सहयोग से बंद होने से राहत मिलेगी।
  • नौकरी के अवसर: नए नियमों के तहत B.Ed धारकों को सरकारी शिक्षक भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी।

NCTE B.Ed कोर्स नियम बदलाव 2025: छात्रों पर प्रभाव

  • नए छात्रों को अब ITEP या NCET के जरिए ही प्रवेश मिलेगा।
  • पुराने दो वर्षीय B.Ed और चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स बंद।
  • बीएड कॉलेजों की संख्या घटेगी, लेकिन गुणवत्ता बढ़ेगी।
  • सभी राज्यों को NCTE के नए नियमों का पालन अनिवार्य होगा।

राज्यवार प्रभाव

राज्यबदलाव का असर
महाराष्ट्रदो वर्षीय और पुराने चार वर्षीय B.Ed कोर्स बंद, ITEP लागू
बिहारअभी भी 2 वर्षीय B.Ed जारी, लेकिन ITEP की ओर ट्रांजिशन
अन्य राज्यसभी को NCTE के नए नियमों का पालन अनिवार्य

ITEP (Integrated Teacher Education Programme) क्या है?

ITEP एक चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स है, जिसमें 12वीं के बाद छात्र सीधे शिक्षक बनने की ट्रेनिंग ले सकते हैं। इसमें BA/BSc/BCom के साथ B.Ed की डिग्री एक साथ मिलती है। यह कोर्स 2025-26 से मुख्यधारा में आ जाएगा और इसमें योग, फिजिकल एजुकेशन, संस्कृत, और आर्ट एजुकेशन जैसे स्पेशलाइजेशन भी उपलब्ध होंगे।

NCTE B.Ed कोर्स नियम बदलाव 2025: चुनौतियां और सुझाव

मुख्य चुनौतियां

  • कई छोटे कॉलेजों के पास मल्टीडिसिप्लिनरी बनने के लिए संसाधनों की कमी।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर और फैकल्टी ट्रेनिंग की जरूरत।
  • छात्रों को नए एडमिशन प्रोसेस और कोर्स स्ट्रक्चर की जानकारी का अभाव।

छात्रों के लिए सुझाव

  • NCET की तैयारी समय से शुरू करें।
  • NCTE और संबंधित विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपडेट चेक करते रहें।
  • केवल मान्यता प्राप्त कॉलेज में ही दाखिला लें।
  • ITEP कोर्स के बारे में पूरी जानकारी लें।
  • नए कोर्स स्ट्रक्चर और करियर विकल्पों को समझें।

NCTE B.Ed कोर्स नियम बदलाव 2025: मुख्य बिंदु (Quick Points)

  • B.Ed कोर्स अब केवल मल्टीडिसिप्लिनरी कॉलेजों में ही चलेगा।
  • अकेले B.Ed कॉलेजों को 2030 तक मर्ज करना जरूरी।
  • एक वर्षीय B.Ed कोर्स 2026-27 से फिर शुरू होगा (चार वर्षीय ग्रेजुएट्स/पोस्टग्रेजुएट्स के लिए)।
  • दो वर्षीय B.Ed कोर्स 2025-26 तक (तीन वर्षीय ग्रेजुएट्स के लिए)।
  • हर कोर्स में अधिकतम 50 सीटें।
  • ITEP कोर्स मुख्यधारा में, स्पेशलाइजेशन के साथ।
  • प्रवेश NCET के जरिए।
  • पुराने छात्रों की डिग्री मान्य।
  • कॉलेजों के लिए मर्जर या सहयोग का विकल्प।

B.Ed कोर्स नियम बदलाव 2025: लाभ और संभावित असर

  • शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार।
  • छात्रों को विषयों की विविधता और व्यावहारिक अनुभव।
  • कॉलेजों की स्थिरता और संसाधनों का बेहतर उपयोग।
  • सरकारी शिक्षक भर्ती में B.Ed धारकों को प्राथमिकता।
  • शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और समानता।

निष्कर्ष

NCTE द्वारा जारी B.Ed कोर्स की नई गाइडलाइन और नियम बदलाव शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम हैं। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि भविष्य के शिक्षकों को व्यावहारिक और समग्र प्रशिक्षण भी मिलेगा। छात्रों को सलाह है कि वे नए नियमों के अनुसार ही अपनी योजना बनाएं, समय पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी करें, और केवल मान्यता प्राप्त कॉलेज में ही दाखिला लें। यह बदलाव शिक्षक बनने के सफर को और बेहतर, पारदर्शी और गुणात्मक बनाएगा।

Disclaimer: यह लेख NCTE द्वारा जारी नई B.Ed गाइडलाइन, आधिकारिक नोटिफिकेशन, मीडिया रिपोर्ट्स और उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर तैयार किया गया है। B.Ed कोर्स नियम बदलाव 2025 पूरी तरह असली और लागू होने वाले हैं। कृपया अंतिम और सटीक जानकारी के लिए NCTE या संबंधित विश्वविद्यालय की आधिकारिक सूचना का ही पालन करें।

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