Bank Nominee Rule Change- बैंक खाताधारकों के लिए खुशखबरी: नॉमिनी नियमों में बड़ा बदलाव

Published On:
Bank Nominee Rule Change

हाल ही में भारतीय बैंकिंग सिस्टम में एक बड़ा बदलाव हुआ है, जिससे लाखों खाताधारकों को राहत मिलेगी। बैंक खाते में नॉमिनी जोड़ना हमेशा से एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया रही है, जिससे खाताधारक की मृत्यु के बाद उसके पैसे या संपत्ति सही व्यक्ति तक पहुंच सके। अब तक, एक बैंक खाते में केवल एक नॉमिनी जोड़ने की सुविधा थी, लेकिन नए नियमों के तहत खाताधारक अब चार नॉमिनी जोड़ सकते हैं।

इस बदलाव का उद्देश्य न सिर्फ खाताधारकों को अधिक विकल्प देना है, बल्कि बैंकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान बनाना भी है। अक्सर देखा गया है कि खाताधारक की मृत्यु के बाद परिवार को बैंक में जमा राशि प्राप्त करने में कानूनी और तकनीकी अड़चनों का सामना करना पड़ता है। नए नियमों से इन समस्याओं में काफी हद तक कमी आने की उम्मीद है।

सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का मानना है कि यह बदलाव बैंकों में पड़े अनक्लेम्ड डिपॉजिट (बिना दावे वाली जमा राशि) की समस्या को भी कम करेगा। साथ ही, खाताधारक के परिवार या कानूनी उत्तराधिकारियों को समय पर और बिना विवाद के पैसा मिल सकेगा। आइए विस्तार से जानते हैं कि बैंक नॉमिनी से जुड़े नियमों में क्या-क्या बदलाव हुए हैं, और इसका खाताधारकों व उनके परिवारों पर क्या असर पड़ेगा।

Bank Nominee Rule Change

पुराने नियमएक खाते में केवल एक नॉमिनी की अनुमति थी
नए नियम एक खाते में अधिकतम चार नॉमिनी जोड़े जा सकते हैं
नॉमिनी की जानकारीअब हर नॉमिनी का मोबाइल नंबर और ईमेल देना अनिवार्य
नॉमिनेशन प्रक्रियाSimultaneous (एक साथ) और Successive (क्रमिक) दोनों विकल्प उपलब्ध
हिस्सेदारी का निर्धारणखाताधारक तय कर सकता है कि किस नॉमिनी को कितनी राशि मिलेगी
बिना नॉमिनी के खातेकानूनी उत्तराधिकारी को दस्तावेज जमा करने के बाद ही पैसा मिलेगा
उद्देश्यअनक्लेम्ड डिपॉजिट कम करना, पारदर्शिता और सुविधा बढ़ाना
कानूनी विवादों में राहतपरिवार में विवाद और कानूनी प्रक्रिया में देरी कम होगी
लॉकर और अन्य सेवाओं पर लागूयह नियम बैंक लॉकर और अन्य सेवाओं पर भी लागू

बैंक नॉमिनी नियमों में बदलाव क्या है? (Nominee Rule Change Explained)

नॉमिनी वह व्यक्ति होता है, जिसे खाताधारक अपनी मृत्यु के बाद बैंक खाते या लॉकर में जमा राशि या संपत्ति का उत्तराधिकारी बनाता है। पहले, एक बैंक खाते में सिर्फ एक ही नॉमिनी जोड़ने का प्रावधान था। इससे कई बार परिवार में विवाद या कानूनी अड़चनें आ जाती थीं, खासकर जब परिवार बड़ा हो या अलग-अलग सदस्य हों।

अब सरकार द्वारा बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 के तहत नियमों में बदलाव किया गया है। इसके अनुसार, अब खाताधारक अपने बैंक खाते या लॉकर में अधिकतम चार नॉमिनी जोड़ सकते हैं। साथ ही, खाताधारक यह भी तय कर सकता है कि किस नॉमिनी को कितनी राशि या संपत्ति मिलेगी। इससे न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि परिवार में विवाद की संभावना भी कम होगी।

इस बदलाव के तहत नॉमिनेशन की दो प्रक्रियाएं भी लागू की गई हैं:

  • Simultaneous Nomination (एक साथ नॉमिनेशन): इसमें सभी नॉमिनी को एक साथ तय हिस्सेदारी दी जा सकती है। उदाहरण के लिए, अगर खाते में 10 लाख रुपये हैं और तीन नॉमिनी हैं, तो खाताधारक 50%, 30% और 20% के अनुपात में बंटवारा कर सकता है।
  • Successive Nomination (क्रमिक नॉमिनेशन): इसमें अगर पहला नॉमिनी उपलब्ध नहीं है (मृत्यु या अन्य कारण से), तो पैसा अगले नॉमिनी को मिलेगा, और इसी क्रम में आगे बढ़ेगा।

नॉमिनी क्या है और क्यों जरूरी है? (What is a Nominee and Why is it Important?)

नॉमिनी एक ऐसा व्यक्ति होता है, जिसे खाताधारक अपनी मृत्यु के बाद अपने बैंक खाते, लॉकर या अन्य वित्तीय संपत्ति का उत्तराधिकारी बनाता है। नॉमिनी का नामांकन इसलिए जरूरी है ताकि खाताधारक की मृत्यु के बाद उसके पैसे या संपत्ति का सही तरीके से और जल्दी निपटारा हो सके।

  • नॉमिनी नियुक्त करने से परिवार को लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना नहीं पड़ता।
  • पैसे या संपत्ति का बंटवारा बिना विवाद के हो जाता है।
  • बैंकों में पड़े अनक्लेम्ड डिपॉजिट की समस्या कम होती है।
  • खाताधारक की इच्छा के अनुसार संपत्ति का वितरण सुनिश्चित होता है।

पुराने और नए नॉमिनी नियमों में अंतर (Old vs New Nominee Rules)

बिंदुपुराने नियम (2024 से पहले)नए नियम (2024 के बाद)
नॉमिनी की संख्याकेवल 1अधिकतम 4
बंटवारे का तरीकासभी राशि एक नॉमिनी कोहिस्सेदारी तय कर सकते हैं
नॉमिनी की जानकारीसिर्फ नाममोबाइल नंबर व ईमेल अनिवार्य
नॉमिनेशन प्रक्रियाकेवल एक तरीकाSimultaneous और Successive दोनों उपलब्ध
विवाद की संभावनाअधिककम
कानूनी प्रक्रियालंबी और जटिलआसान और पारदर्शी

नए नॉमिनी नियमों के फायदे (Benefits of New Nominee Rules)

  • पारदर्शिता और सुविधा: खाताधारक के परिवार को पैसा या संपत्ति मिलने में आसानी होगी।
  • कानूनी विवादों में कमी: चार नॉमिनी जोड़ने से विवाद की संभावना कम होगी।
  • समय की बचत: सही जानकारी होने से क्लेम प्रोसेस तेज और आसान होगी।
  • अनक्लेम्ड डिपॉजिट में कमी: बैंकों में पड़े बिना दावे वाले खातों की संख्या घटेगी।
  • उत्तराधिकार का स्पष्ट निर्धारण: खाताधारक अपनी इच्छा के अनुसार संपत्ति का बंटवारा कर सकता है।

नॉमिनी जोड़ने की प्रक्रिया (Nominee Addition Process)

  1. बैंक विजिट करें: अपने बैंक की ब्रांच में जाएं या इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करें।
  2. नॉमिनी फॉर्म भरें: बैंक द्वारा उपलब्ध नॉमिनी फॉर्म भरें, जिसमें अब मोबाइल नंबर और ईमेल भी देना जरूरी है।
  3. हिस्सेदारी तय करें: अगर एक से ज्यादा नॉमिनी जोड़ रहे हैं, तो उनके हिस्से का प्रतिशत भी स्पष्ट करें।
  4. दस्तावेज जमा करें: नॉमिनी के पहचान पत्र, फोटो आदि दस्तावेज बैंक में जमा करें।
  5. बैंक से पुष्टि लें: बैंक से नॉमिनी जोड़ने की पुष्टि प्राप्त करें।

हिस्सेदारी कैसे तय करें? (How to Decide Nominee Share?)

  • खाताधारक अपनी इच्छा के अनुसार नॉमिनी के हिस्से तय कर सकता है। उदाहरण:
    • पत्नी: 50%
    • बेटा: 30%
    • बेटी: 20%
  • अगर हिस्सेदारी नहीं तय की गई है, तो बैंक सभी नॉमिनी को बराबर-बराबर राशि देगा।
  • Successive Nomination में प्राथमिकता के अनुसार पैसा ट्रांसफर होता है।

नॉमिनी की जानकारी अपडेट करना क्यों जरूरी है? (Why Update Nominee Details?)

  • कई बार नॉमिनी की सही जानकारी न होने से बैंक क्लेम प्रोसेस में देरी होती है।
  • मोबाइल नंबर और ईमेल होने से बैंक जरूरत पड़ने पर नॉमिनी से तुरंत संपर्क कर सकता है।
  • अगर एक नॉमिनी उपलब्ध नहीं है, तो बैंक अन्य नॉमिनी से संपर्क कर सकता है।
  • गलत जानकारी होने पर झूठे दावे या कानूनी विवाद की संभावना बढ़ जाती है।

बिना नॉमिनी के क्या होता है? (What If There Is No Nominee?)

  • अगर खाताधारक ने नॉमिनी नहीं बनाया है और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो पैसा उसके कानूनी उत्तराधिकारी को मिलेगा।
  • इसके लिए उत्तराधिकारी को बैंक में डेथ सर्टिफिकेट, पहचान पत्र, और अन्य जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे।
  • प्रक्रिया लंबी और जटिल हो सकती है, जिससे परिवार को आर्थिक और मानसिक परेशानी हो सकती है।

बैंक लॉकर और अन्य सेवाओं के लिए भी लागू (Applicable for Bank Lockers and Other Services)

  • यह नया नियम सिर्फ सेविंग या करंट अकाउंट ही नहीं, बल्कि बैंक लॉकर और अन्य सेवाओं पर भी लागू होगा।
  • अब बैंक लॉकर के लिए भी चार नॉमिनी बनाए जा सकते हैं।
  • इससे लॉकर में रखी संपत्ति का भी सही तरीके से और जल्दी निपटारा हो सकेगा।

नए नियम से जुड़े सवाल-जवाब (FAQs on Nominee Rule Change)

Q1: क्या मैं अपने खाते में एक से ज्यादा नॉमिनी जोड़ सकता हूं?
हाँ, अब आप अपने बैंक खाते में अधिकतम चार नॉमिनी जोड़ सकते हैं।

Q2: क्या सभी नॉमिनी को बराबर पैसा मिलेगा?
अगर आपने हिस्सेदारी तय की है तो उसी अनुसार मिलेगा, अन्यथा सभी को बराबर-बराबर मिलेगा।

Q3: क्या नॉमिनी का मोबाइल नंबर और ईमेल देना जरूरी है?
हाँ, अब हर नॉमिनी की संपर्क जानकारी देना जरूरी है।

Q4: नॉमिनी कौन हो सकता है?
कोई भी व्यक्ति, जैसे पत्नी, माता-पिता, बच्चे, भाई-बहन आदि।

Q5: क्या लॉकर के लिए भी चार नॉमिनी बना सकते हैं?
हाँ, नया नियम लॉकर और अन्य सेवाओं पर भी लागू है।

Q6: अगर नॉमिनी नहीं है तो पैसा किसे मिलेगा?
ऐसी स्थिति में पैसा कानूनी उत्तराधिकारी को मिलेगा, लेकिन प्रक्रिया लंबी होगी।

नए नॉमिनी नियमों का असर (Impact of New Nominee Rules)

  • बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता: खाताधारक की मृत्यु के बाद संपत्ति का बंटवारा आसान और पारदर्शी होगा।
  • परिवार में विवाद की संभावना कम: हिस्सेदारी पहले से तय होने पर विवाद की संभावना कम हो जाती है।
  • बैंकों में अनक्लेम्ड डिपॉजिट में कमी: सही नॉमिनी जानकारी होने से बिना दावे वाले खातों की संख्या घटेगी।
  • कानूनी प्रक्रिया में तेजी: सही जानकारी से क्लेम प्रोसेस तेज और आसान होगी।

नॉमिनी नियमों में बदलाव का उद्देश्य (Purpose of Nominee Rule Change)

  • खाताधारकों और उनके परिवार को सुविधा देना।
  • बैंकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और विवाद रहित बनाना।
  • बिना दावे वाली जमा राशि (Unclaimed Deposit) की समस्या को कम करना।
  • खाताधारक की इच्छा के अनुसार संपत्ति का वितरण सुनिश्चित करना।

नॉमिनी नियमों में बदलाव: मुख्य बातें (Key Points Summary)

  • अब बैंक खाते में चार नॉमिनी बनाए जा सकते हैं।
  • नॉमिनी की मोबाइल नंबर और ईमेल देना अनिवार्य।
  • हिस्सेदारी का निर्धारण खाताधारक करेगा।
  • Simultaneous और Successive नॉमिनेशन दोनों विकल्प उपलब्ध।
  • लॉकर और अन्य सेवाओं पर भी लागू।
  • बिना नॉमिनी के कानूनी उत्तराधिकारी को लंबी प्रक्रिया के बाद पैसा मिलेगा।
  • पारदर्शिता, सुविधा और विवाद रहित प्रक्रिया का उद्देश्य।

निष्कर्ष (Conclusion)

बैंक नॉमिनी से जुड़े नियमों में बदलाव खाताधारकों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ा राहत भरा कदम है। अब खाताधारक अपनी संपत्ति के बंटवारे को लेकर अधिक स्वतंत्र और सुरक्षित महसूस कर सकते हैं। चार नॉमिनी जोड़ने की सुविधा, हिस्सेदारी तय करने का विकल्प, और नॉमिनी की सही जानकारी देने की अनिवार्यता से बैंकिंग प्रक्रिया और भी पारदर्शी और आसान हो गई है।

इस बदलाव से न सिर्फ कानूनी विवादों में कमी आएगी, बल्कि बैंकों में पड़े बिना दावे वाले खातों की संख्या भी घटेगी। खाताधारकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बैंक खाते की नॉमिनी जानकारी अपडेट करें और जरूरत पड़ने पर हिस्सेदारी भी स्पष्ट करें, ताकि भविष्य में उनके परिवार को किसी भी तरह की परेशानी न हो।

Disclaimer: यह लेख वर्तमान में उपलब्ध जानकारी और सरकारी संशोधनों के आधार पर तैयार किया गया है। बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 के तहत अब खाताधारक चार नॉमिनी जोड़ सकते हैं, लेकिन बैंक या सरकार की ओर से समय-समय पर नियमों में बदलाव संभव है। खाताधारकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बैंक से नवीनतम नियमों की पुष्टि अवश्य करें और सभी जरूरी दस्तावेज सही-सही जमा करें। यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है, किसी भी कानूनी या वित्तीय निर्णय के लिए विशेषज्ञ से सलाह लें।

Also Read

Leave a Comment

Join Whatsapp