10 फिल्मों से बदली किस्मत और 2 बार ठुकराया था फिल्मफेयर अवार्ड, जानिए Manoj Kumar की अनसुनी कहानी

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Manoj Kumar Biography

मनोज कुमार, जिन्हें बॉलीवुड में ‘भारत कुमार’ के नाम से जाना जाता है, भारतीय सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित और देशभक्त अभिनेता, निर्देशक और पटकथा लेखक थे। उनका असली नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी था। उन्होंने अपनी फिल्मों के माध्यम से देशभक्ति और सामाजिक मुद्दों को प्रमुखता दी। 24 जुलाई 1937 को ब्रिटिश भारत के एबटाबाद, उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत (अब पाकिस्तान) में जन्मे मनोज कुमार का जीवन संघर्ष और सफलता की कहानी है।

मनोज कुमार ने अपने करियर में कई यादगार फिल्में दीं, जिनमें ‘उपकार’, ‘क्रांति’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘शहीद’ जैसी देशभक्ति से ओत-प्रोत फिल्में शामिल हैं। उन्होंने न केवल अभिनय किया, बल्कि निर्देशन और पटकथा लेखन में भी अपनी पहचान बनाई। उनके योगदान को देखते हुए उन्हें पद्म श्री (1992) और दादासाहेब फाल्के पुरस्कार (2016) जैसे प्रतिष्ठित सम्मान दिए गए।

Manoj Kumar Biography

विवरणजानकारी
पूरा नामहरिकृष्ण गिरी गोस्वामी
जन्म तिथि24 जुलाई 1937
जन्म स्थानएबटाबाद, ब्रिटिश भारत (अब पाकिस्तान)
मृत्यु तिथि4 अप्रैल 2025
उपनामभारत कुमार
शिक्षाहिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक
पत्नी का नामशशि गोस्वामी
बच्चेदो बेटे – कुणाल गोस्वामी और विशाल गोस्वामी
पुरस्कारपद्म श्री (1992), दादासाहेब फाल्के पुरस्कार (2016)

प्रारंभिक जीवन

मनोज कुमार का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनके परिवार ने भारत विभाजन के दौरान दिल्ली में बसने का निर्णय लिया। उन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से पूरी की। बचपन से ही वे अभिनेता दिलीप कुमार के प्रशंसक थे और उनके किरदार ‘मनोज’ से प्रेरित होकर अपना नाम बदलकर मनोज कुमार रखा।

करियर की शुरुआत

फिल्मों में प्रवेश

  • मनोज कुमार ने अपने करियर की शुरुआत 1957 में फिल्म ‘फैशन’ से की। हालांकि यह फिल्म ज्यादा सफल नहीं रही।
  • उनकी पहली प्रमुख भूमिका फिल्म ‘कांच की गुड़िया’ (1961) में थी। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया जैसे ‘रेशमी रूमाल’, ‘सुहाग सिंदूर’, ‘हरियाली और रास्ता’, जो बॉक्स ऑफिस पर सफल रहीं।

देशभक्ति फिल्मों का दौर

  • 1965 में आई फिल्म ‘शहीद’, जिसमें उन्होंने भगत सिंह का किरदार निभाया, उन्हें देशभक्ति फिल्मों का सितारा बना दिया।
  • 1967 में उनकी पहली निर्देशित फिल्म ‘उपकार’, जो तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के आग्रह पर बनाई गई थी, ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का फिल्मफेयर पुरस्कार दिलाया।

प्रमुख फिल्में और योगदान

फिल्म का नामवर्ष
शहीद1965
उपकार1967
पूरब और पश्चिम1970
क्रांति1981
हरियाली और रास्ता1962
वो कौन थी?1964
रोटी1974

पुरस्कार और सम्मान

  • पद्म श्री (1992): भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए।
  • दादासाहेब फाल्के पुरस्कार (2016): भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान।
  • सात बार फिल्मफेयर पुरस्कार विजेता।

मनोज कुमार का व्यक्तिगत जीवन

मनोज कुमार ने शशि गोस्वामी से विवाह किया और उनके दो बेटे हैं – कुणाल गोस्वामी और विशाल गोस्वामी। उनका परिवार हमेशा उनके साथ रहा और उन्होंने अपने व्यक्तिगत जीवन को सिनेमा की चकाचौंध से दूर रखा।

मनोज कुमार की विरासत

मनोज कुमार को बॉलीवुड में हमेशा उनकी देशभक्ति फिल्मों और सामाजिक मुद्दों पर आधारित कहानियों के लिए याद किया जाएगा। उनकी फिल्मों ने भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव डाला और उन्हें ‘भारत कुमार’ के रूप में प्रतिष्ठा दिलाई।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. मनोज कुमार को ‘भारत कुमार’ क्यों कहा जाता है?

उनकी देशभक्ति पर आधारित फिल्मों जैसे ‘पूरब और पश्चिम’, ‘उपकार’, ‘क्रांति’ ने उन्हें यह उपनाम दिलाया।

2. मनोज कुमार ने कितनी फिल्मों का निर्देशन किया?

उन्होंने लगभग छह फिल्मों का निर्देशन किया, जिनमें ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘क्रांति’ प्रमुख हैं।

3. मनोज कुमार को कौन-कौन से राष्ट्रीय सम्मान मिले?

उन्हें पद्म श्री (1992) और दादासाहेब फाल्के पुरस्कार (2016) मिला।

निष्कर्ष

मनोज कुमार भारतीय सिनेमा के एक महान अभिनेता, निर्देशक और पटकथा लेखक थे जिन्होंने अपनी कला के माध्यम से देशभक्ति को नई ऊंचाई दी। उनकी विरासत आज भी बॉलीवुड में जीवित है, और उनकी फिल्में आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेंगी।

Disclaimer: यह जानकारी विभिन्न स्रोतों पर आधारित है। कृपया ध्यान दें कि मनोज कुमार की जीवनी समय-समय पर अपडेट हो सकती है।

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