हर साल देशभर में मॉनसून का इंतजार लाखों लोगों के लिए राहत और उम्मीद लेकर आता है। किसानों से लेकर आम जनता तक, सभी को बारिश की बूंदों का बेसब्री से इंतजार रहता है, क्योंकि इससे न सिर्फ गर्मी से राहत मिलती है बल्कि खेती-किसानी की शुरुआत भी होती है। 2025 का मॉनसून इस बार खास है, क्योंकि इसने अपने निर्धारित समय से पहले ही भारत के कई हिस्सों में दस्तक दे दी है।
इस बार मॉनसून की चाल और गति ने मौसम वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया है। आमतौर पर जून के पहले सप्ताह में मॉनसून केरल तट पर पहुंचता है, लेकिन इस बार यह 24-27 मई के बीच ही केरल और आसपास के राज्यों में दस्तक दे चुका है। इससे देश के 18 राज्यों में मॉनसून की बारिश शुरू हो चुकी है, जिससे किसानों और आम लोगों को राहत मिली है।
हालांकि, उत्तर भारत के बड़े राज्य जैसे उत्तर प्रदेश (यूपी) और बिहार में अब भी लोग मॉनसून की मुख्य बारिश का इंतजार कर रहे हैं। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इन राज्यों में भी जल्द ही मॉनसून की बारिश शुरू होने की संभावना है। आइए जानते हैं कि अब तक मॉनसून कहां-कहां पहुंचा है, यूपी-बिहार में कब बारिश होगी और इस साल मॉनसून का पैटर्न कैसा रहेगा।
Monsoon 2025
मॉनसून की शुरुआती तारीख | 24-27 मई 2025 (केरल में) |
सामान्य तारीख | 1 जून (केरल) |
अब तक पहुंचे राज्य | 18 राज्य (केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आदि) |
पूर्वोत्तर राज्यों में स्थिति | सभी 7 राज्यों में मॉनसून समय से पहले पहुंचा |
यूपी-बिहार में अनुमानित आगमन | 16-20 जून (पूर्वी यूपी/बिहार), 25-30 जून (पश्चिमी यूपी) |
बारिश का स्तर | सामान्य से अधिक बारिश की संभावना |
मुख्य कारण | अरब सागर, बंगाल की खाड़ी में नमी, जलवायु परिवर्तन |
किसानों के लिए असर | लाभकारी, फसल की बुवाई में तेजी |
मॉनसून क्या है? (Monsoon Explained)
मॉनसून एक मौसमी पवन प्रणाली है, जो हर साल जून से सितंबर के बीच भारत समेत दक्षिण एशिया के कई देशों में भारी बारिश लेकर आती है। यह मुख्य रूप से दो हिस्सों में बंटा होता है—दक्षिण-पश्चिम मॉनसून और उत्तर-पूर्व मॉनसून। भारत में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सबसे अहम है, क्योंकि यह देश की कुल वार्षिक बारिश का लगभग 75% हिस्सा लेकर आता है।
मॉनसून की शुरुआत आमतौर पर केरल तट से होती है, फिर यह धीरे-धीरे देश के अन्य हिस्सों में फैलता है। मॉनसून का समय और उसकी तीव्रता कृषि, जल आपूर्ति, बिजली उत्पादन और आम जनजीवन पर सीधा असर डालता है। इसीलिए, हर साल मॉनसून की भविष्यवाणी और उसकी प्रगति पर सभी की नजरें टिकी रहती हैं।
मॉनसून 2025: अब तक 18 राज्यों में दस्तक
समय से पहले पहुंचा मॉनसून
इस साल मॉनसून ने अपनी रफ्तार से सभी को चौंका दिया है। आमतौर पर केरल में 1 जून को मॉनसून आता है, लेकिन 2025 में यह 24-27 मई के बीच ही पहुंच गया। मॉनसून ने न सिर्फ केरल, बल्कि तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गोवा, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के सभी सात राज्यों को कवर कर लिया है। इस तरह, देश के 18 राज्यों में मॉनसून की बारिश शुरू हो चुकी है।
पूर्वोत्तर राज्यों की स्थिति
पूर्वोत्तर भारत के लिए यह मॉनसून बेहद खास रहा है। अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा और नागालैंड में जून के पहले सप्ताह में ही भारी बारिश दर्ज की गई है। सिक्किम और पश्चिम बंगाल के पहाड़ी इलाकों में भी मॉनसून ने समय से पहले दस्तक दी है। इससे वहां के किसानों को खेती के लिए पर्याप्त नमी मिल गई है।
महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में बारिश
महाराष्ट्र में इस बार 35 साल बाद पहली बार इतनी जल्दी मॉनसून पहुंचा है। कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी समय से पहले बारिश शुरू हो गई है, जिससे गर्मी से राहत मिली है और फसलों की बुवाई का काम तेजी से शुरू हो गया है।
यूपी-बिहार में मॉनसून कब पहुंचेगा? (IMD Monsoon Forecast for UP & Bihar)
उत्तर प्रदेश में मॉनसून की संभावना
उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में मॉनसून की एंट्री 20 जून के आसपास होने की संभावना है, जबकि पश्चिमी यूपी में 25-30 जून के बीच मॉनसून पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा। इस दौरान प्रदेश के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की शुरुआत हो सकती है। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि इस बार यूपी में सामान्य से 12% अधिक बारिश हो सकती है, जिससे किसानों को फायदा होगा और गर्मी से राहत मिलेगी।
बिहार में मॉनसून की चाल
बिहार में मॉनसून के 16-18 जून के बीच दस्तक देने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, इस बार बिहार में मॉनसून समय से पहले पहुंच सकता है। इसकी मुख्य वजह अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में नमी का अधिक होना, समुद्र का तापमान ज्यादा रहना और पश्चिमी हवाओं के साथ-साथ चक्रवातों की हलचल है। इन सभी कारणों ने मॉनसून को जल्दी आगे बढ़ने में मदद की है।
बिहार के जिलों में अलर्ट
बिहार के कई जिलों में प्री-मानसून जैसी स्थिति बन गई है। कहीं तेज हवाएं चल रही हैं, तो कहीं काले बादल छा रहे हैं। मौसम विभाग ने पटना, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज और पूर्णिया जिलों में ठनका और तेज हवा की चेतावनी जारी की है। कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश भी हो रही है, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
मॉनसून की धीमी रफ्तार और भविष्यवाणी
क्यों धीमा पड़ा मॉनसून?
हालांकि मॉनसून ने शुरुआती रफ्तार दिखाई, लेकिन बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कमजोर पड़ने के कारण इसकी गति थोड़ी धीमी हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार, 11-12 जून के बाद बंगाल की खाड़ी में नया मौसमी सिस्टम बनने की संभावना है, जिससे मॉनसून फिर से तेज हो जाएगा और उत्तर भारत के हिस्सों में तेजी से आगे बढ़ेगा।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
- अगले कुछ दिनों तक यूपी और बिहार के कई हिस्सों में हल्की बारिश और बादल छाए रहने की संभावना है।
- 11-12 जून के बाद मॉनसून की रफ्तार फिर से बढ़ेगी और देश के उत्तरी हिस्सों में अच्छी बारिश होगी।
- 15 जून तक बिहार और झारखंड के अधिकांश हिस्सों में मॉनसून कवर कर लेगा।
- 20 जून के आसपास पूर्वी यूपी और 25-30 जून के बीच पश्चिमी यूपी में मॉनसून पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा।
इस बार की बारिश: सामान्य से ज्यादा!
IMD का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस साल देश में सामान्य से ज्यादा बारिश की संभावना जताई है। जून में भी अच्छी बारिश होने की उम्मीद है, जिससे गर्मी से राहत मिलेगी और हीट वेव के दिन कम हो जाएंगे। देश में बारिश का औसत (LPA) 87 सेंटीमीटर है, लेकिन इस बार 106% बारिश होने का अनुमान है।
किसानों के लिए राहत
अच्छी बारिश का सीधा फायदा किसानों को मिलेगा। इससे खरीफ फसलों की बुवाई समय पर हो सकेगी और जल संकट भी कम होगा। बारिश के कारण जलाशयों और नदियों में पानी की मात्रा बढ़ेगी, जिससे सिंचाई और पीने के पानी की समस्या भी कम होगी।
राज्यों में मॉनसून की स्थिति: एक नजर में
राज्य | मॉनसून की संभावित एंट्री | बारिश का अनुमान |
---|---|---|
केरल | 24-27 मई | सामान्य से अधिक |
कर्नाटक | 26-27 मई | सामान्य से अधिक |
तमिलनाडु | 24-27 मई | सामान्य से अधिक |
महाराष्ट्र | 28-29 मई | सामान्य से अधिक |
आंध्र प्रदेश | 26-27 मई | सामान्य से अधिक |
तेलंगाना | 26-27 मई | सामान्य से अधिक |
छत्तीसगढ़ | 28-29 मई | सामान्य से अधिक |
ओडिशा | 28-29 मई | सामान्य से अधिक |
पश्चिम बंगाल | 28-29 मई | सामान्य से अधिक |
झारखंड | 16-18 जून | सामान्य से अधिक |
बिहार | 16-18 जून | सामान्य से अधिक |
उत्तर प्रदेश (पूर्वी) | 20 जून | सामान्य से अधिक |
उत्तर प्रदेश (पश्चिमी) | 25-30 जून | सामान्य से अधिक |
दिल्ली-NCR | 27-29 जून | सामान्य से अधिक |
उत्तराखंड | 25-30 जून | सामान्य से अधिक |
पंजाब, हरियाणा | 29 जून – 2 जुलाई | सामान्य से अधिक |
राजस्थान | 25 जून – 5 जुलाई | सामान्य से अधिक |
मॉनसून के जल्दी आने के कारण
- अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में नमी की मात्रा अधिक होना।
- समुद्र का तापमान सामान्य से ज्यादा रहना।
- पश्चिमी हवाओं और चक्रवातों की सक्रियता।
- जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के पैटर्न में बदलाव।
इन सभी कारणों ने मॉनसून को समय से पहले और तेज गति से देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचने में मदद की है।
मॉनसून से जुड़े कुछ जरूरी सवाल-जवाब
1. क्या इस बार मॉनसून समय से पहले आया है?
हाँ, 2025 में मॉनसून ने केरल में 24-27 मई के बीच दस्तक दी, जो सामान्य तारीख से करीब एक हफ्ता पहले है।
2. यूपी-बिहार में कब होगी अच्छी बारिश?
पूर्वी यूपी और बिहार में 16-20 जून के बीच मॉनसून की मुख्य बारिश शुरू होने की संभावना है। पश्चिमी यूपी में 25-30 जून के बीच मॉनसून पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा।
3. क्या इस बार बारिश सामान्य से ज्यादा होगी?
मौसम विभाग के अनुसार, इस बार देश में सामान्य से 6-10% ज्यादा बारिश होने की संभावना है।
4. किसानों को क्या फायदा होगा?
अच्छी बारिश से खरीफ फसलों की बुवाई समय पर होगी, जिससे पैदावार बढ़ेगी और जल संकट भी कम होगा।
5. क्या कुछ जिलों में अलर्ट जारी हुआ है?
हाँ, बिहार के कई जिलों में ठनका, तेज हवा और भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
मॉनसून का सामाजिक और आर्थिक असर
मॉनसून सिर्फ मौसम का बदलाव नहीं लाता, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था, कृषि, जल आपूर्ति और आम जनजीवन पर बड़ा असर डालता है। समय पर और अच्छी बारिश से फसलें अच्छी होती हैं, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ती है। वहीं, जलाशयों और नदियों में पानी भरने से पीने और सिंचाई के लिए पानी की समस्या भी दूर होती है। मॉनसून के कारण गर्मी से राहत मिलती है और पर्यावरण भी संतुलित रहता है।
इस बार की चुनौतियाँ
हालांकि मॉनसून के जल्दी आने से राहत मिली है, लेकिन इसकी अनियमितता भी चिंता का विषय है। कहीं-कहीं बारिश की कमी, तो कहीं अत्यधिक बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है। मौसम विभाग और प्रशासन को सतर्क रहना होगा ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में त्वरित राहत और बचाव कार्य किए जा सकें।
निष्कर्ष
2025 का मॉनसून देश के लिए राहत और उम्मीद लेकर आया है। अब तक 18 राज्यों में मॉनसून पहुंच चुका है और यूपी-बिहार में भी जल्द ही अच्छी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, इस बार सामान्य से अधिक बारिश होगी, जिससे किसानों और आम जनता को फायदा होगा। हालांकि, मौसम के बदलते पैटर्न और जलवायु परिवर्तन के कारण सतर्कता जरूरी है। सभी को सलाह है कि बारिश के दौरान सतर्क रहें और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें।
Disclaimer: यह लेख मौसम विभाग (IMD) के ताजा अपडेट्स और विभिन्न समाचार स्रोतों पर आधारित है। मॉनसून की गति, बारिश की मात्रा और समय में क्षेत्रीय बदलाव संभव है। पाठकों से अनुरोध है कि अपने स्थानीय मौसम विभाग की चेतावनियों और सलाह का पालन करें। मॉनसून से जुड़ी जानकारी समय-समय पर बदल सकती है, इसलिए ताजा अपडेट्स पर नजर रखें।