MP में जमीन रजिस्ट्री पर बड़ा बदलाव, 1 जनवरी 2025 से नामांतरण भी होगा साथ में

मध्य प्रदेश में जमीन रजिस्ट्री और नामांतरण प्रक्रिया में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 1 जनवरी 2025 से लागू होने वाले इस नए नियम के तहत, जमीन की रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण प्रक्रिया भी स्वतः पूरी हो जाएगी। यह कदम मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को कम करने और जनता को राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी। इस नए नियम से न केवल लोगों को अलग से नामांतरण के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, बल्कि इससे समय और पैसे की भी बचत होगी। यह कदम मध्य प्रदेश में जमीन से संबंधित मामलों में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार 

को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

मध्य प्रदेश जमीन रजिस्ट्री और नामांतरण नियम 2025: एक नजर में

विवरणजानकारी
योजना का नाममध्य प्रदेश जमीन रजिस्ट्री और नामांतरण नियम 2025
लागू होने की तिथि1 जनवरी, 2025
मुख्य उद्देश्यभ्रष्टाचार कम करना और प्रक्रिया को सरल बनाना
लाभार्थीमध्य प्रदेश के नागरिक
प्रक्रियारजिस्ट्री के साथ स्वतः नामांतरण
समय सीमा15 दिन
जिम्मेदार विभागराजस्व विभाग
मुख्य लाभसमय और पैसे की बचत, पारदर्शिता में वृद्धि

नए Land Registry नियम का उद्देश्य

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लाए गए इस नए नियम का मुख्य उद्देश्य है:

  • भ्रष्टाचार को कम करना: रजिस्ट्री और नामांतरण प्रक्रिया को एक साथ करने से बिचौलियों और भ्रष्ट अधिकारियों की भूमिका कम होगी।
  • प्रक्रिया को सरल बनाना: नागरिकों को अब दो अलग-अलग प्रक्रियाओं के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
  • समय की बचत: एक ही प्रक्रिया में दोनों काम होने से लोगों का समय बचेगा।
  • पारदर्शिता बढ़ाना: स्वचालित प्रक्रिया से पारदर्शिता बढ़ेगी और मानवीय हस्तक्षेप कम होगा।
  • डिजिटलीकरण को बढ़ावा: यह कदम सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप है।

नई रजिस्ट्री और नामांतरण प्रक्रिया: Step-by-Step Guide

2025 से जमीन रजिस्ट्री और नामांतरण की नई प्रक्रिया इस प्रकार होगी:

  1. ऑनलाइन आवेदन: सरकारी पोर्टल mpigr.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करें।
  2. दस्तावेज अपलोड: सभी आवश्यक दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करें।
  3. शुल्क भुगतान: ऑनलाइन माध्यम से रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान करें।
  4. सत्यापन: विभाग द्वारा दस्तावेजों का ऑनलाइन सत्यापन किया जाएगा।
  5. अपॉइंटमेंट: सत्यापन के बाद रजिस्ट्री के लिए तारीख और समय मिलेगा।
  6. बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन: निर्धारित तिथि पर कार्यालय जाकर बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराएं।
  7. डिजिटल हस्ताक्षर: रजिस्ट्रार द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर किए जाएंगे।
  8. दस्तावेज प्राप्ति: रजिस्ट्री के बाद डिजिटल हस्ताक्षरित दस्तावेज मिलेंगे।
  9. स्वतः नामांतरण: 15 दिनों के भीतर स्वचालित रूप से नामांतरण हो जाएगा।

आवश्यक दस्तावेज: Required Documents

नए नियमों के अनुसार, जमीन रजिस्ट्री और नामांतरण के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक होंगे:

  • आधार कार्ड
  • जमाबंदी (भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र)
  • नक्शा (भूमि का मानचित्र)
  • संपत्ति कर रसीद
  • फोटो पहचान पत्र
  • पैन कार्ड
  • बैंक पासबुक की कॉपी

सभी दस्तावेजों को स्कैन करके ऑनलाइन अपलोड करना होगा।

नए नियम के लाभ

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लाए गए इस नए नियम से कई लाभ होंगे:

  1. समय की बचत: रजिस्ट्री और नामांतरण एक साथ होने से लोगों का काफी समय बचेगा।
  2. पैसे की बचत: अलग-अलग प्रक्रियाओं पर होने वाले खर्च में कमी आएगी।
  3. भ्रष्टाचार में कमी: स्वचालित प्रक्रिया से भ्रष्टाचार के अवसर कम होंगे।
  4. पारदर्शिता: पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और पारदर्शी होगी।
  5. सुविधा: घर बैठे ही अधिकांश काम हो जाएंगे।
  6. डिजिटलीकरण: यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा देगा।
  7. विवादों में कमी: स्पष्ट और त्वरित प्रक्रिया से जमीन विवाद कम होंगे।

नए नियम का प्रभाव

इस नए नियम का मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ेगा:

  1. रियल एस्टेट सेक्टर: प्रक्रिया सरल होने से रियल एस्टेट लेनदेन में वृद्धि होगी।
  2. सरकारी कार्यालय: कार्यालयों पर काम का बोझ कम होगा।
  3. आम जनता: लोगों को राहत मिलेगी और उनका समय बचेगा।
  4. निवेश: प्रक्रिया सरल होने से राज्य में निवेश बढ़ने की संभावना है।
  5. राजस्व: पारदर्शी प्रक्रिया से सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी।

नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

नए नियम के तहत नागरिकों को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा:

  • रजिस्ट्री के समय सभी आवश्यक दस्तावेज साथ लाएं
  • जमीन से संबंधित सभी विवरण सही और स्पष्ट होने चाहिए
  • किसी भी तरह की गलती या विसंगति के लिए तुरंत संबंधित अधिकारी से संपर्क करें

सरकार की भूमिका और जिम्मेदारियां

इस नए नियम को सफल बनाने के लिए सरकार की कुछ प्रमुख जिम्मेदारियां हैं:

  • तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास
  • कर्मचारियों को प्रशिक्षण
  • नागरिकों के लिए हेल्पलाइन और सहायता केंद्र स्थापित करना
  • नियमित मॉनिटरिंग और समीक्षा

भविष्य की योजनाएं

मध्य प्रदेश सरकार इस नए नियम के साथ-साथ भविष्य में और भी कई सुधार लाने की योजना बना रही है:

  1. जियो-टैगिंग: सभी संपत्तियों की जियो-टैगिंग की जाएगी।
  2. ब्लॉकचेन तकनीक: भविष्य में ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके रिकॉर्ड्स को और अधिक सुरक्षित बनाया जाएगा।
  3. AI का उपयोग: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करके दस्तावेजों की जांच और सत्यापन किया जाएगा।
  4. मोबाइल ऐप: एक मोबाइल ऐप विकसित किया जाएगा जिससे लोग अपनी संपत्ति से संबंधित सभी जानकारी आसानी से देख सकेंगे।
  5. एकीकृत डेटाबेस: सभी विभागों के डेटाबेस को एकीकृत किया जाएगा ताकि जानकारी का आदान-प्रदान आसान हो सके।

FAQ: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. प्रश्न: क्या पुरानी संपत्तियों पर भी यह नियम लागू होगा?
    उत्तर: हां, यह नियम सभी नई और पुरानी संपत्तियों पर लागू होगा।
  2. प्रश्न: क्या विदेश में रहने वाले लोग भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं?
    उत्तर: हां, ऑनलाइन प्रक्रिया होने के कारण विदेश में रहने वाले लोग भी इसका लाभ उठा सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। हालांकि हमने सटीक जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है, फिर भी नियमों और प्रक्रियाओं में समय-समय पर बदलाव हो सकता है। कृपया अंतिम और अद्यतन जानकारी के लिए मध्य प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित विभाग से संपर्क करें। इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी कार्य के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं।

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