CNG गाड़ी खरीदने से पहले सोचें, नई नीति और बढ़ती कीमतों से बढ़ेगा खर्च – जानिए क्या करें

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देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने EV पॉलिसी 2.0 का ड्राफ्ट तैयार किया है, जिससे CNG गाड़ी और खासकर CNG ऑटो चलाने वालों के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। अब सरकार का फोकस फॉसिल फ्यूल (CNG, पेट्रोल, डीजल) से हटाकर इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ है। इस पॉलिसी के लागू होते ही न सिर्फ नए CNG ऑटो का रजिस्ट्रेशन बंद होगा, बल्कि पुराने परमिट भी इलेक्ट्रिक ऑटो में बदलने होंगे। साथ ही, दोपहिया CNG, पेट्रोल और डीजल वाहनों पर भी जल्द ही बैन लगने वाला है।

इस बदलाव का सीधा असर उन लाखों लोगों पर पड़ेगा जो अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में CNG गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं। अब उन्हें या तो अपनी गाड़ी को इलेक्ट्रिक में बदलना होगा या फिर नई इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदनी होगी, जिससे उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। आइए जानते हैं इस नई नीति के बारे में विस्तार से, और समझते हैं कि CNG गाड़ी वालों के लिए क्या-क्या बदलने वाला है।

Delhi EV Policy 2.0 and CNG Cars

दिल्ली सरकार की EV पॉलिसी 2.0 के तहत राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं। इस नीति के लागू होने के बाद CNG गाड़ियों के लिए निम्नलिखित बदलाव होंगे:

  • 15 अगस्त 2025 से दिल्ली में नए CNG ऑटो का रजिस्ट्रेशन पूरी तरह बंद हो जाएगा।
  • पुराने CNG ऑटो परमिट का रिन्युअल नहीं होगा, उन्हें ई-ऑटो परमिट में बदलना पड़ेगा।
  • 10 साल से पुराने सभी CNG ऑटो को या तो इलेक्ट्रिक में बदलना होगा या फिर बैटरी पावर्ड सिस्टम से रेट्रोफिट करना होगा।
  • 15 अगस्त 2026 से पेट्रोल, डीजल और CNG दोपहिया वाहनों पर भी प्रतिबंध लग जाएगा।
  • मालवाहक वाहनों के लिए भी 15 अगस्त 2025 से नए डीजल, पेट्रोल या CNG तीन-पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।
  • सार्वजनिक परिवहन, जैसे DTC बसें और कचरा संग्रहण वाहन, भी इलेक्ट्रिक में बदलेंगे।

EV पॉलिसी 2.0 का संक्षिप्त अवलोकन

पॉलिसी का बिंदुविवरण
नीति का नामदिल्ली EV पॉलिसी 2.0
लागू तिथि (CNG ऑटो)15 अगस्त 2025
लागू तिथि (CNG दोपहिया)15 अगस्त 2026
क्या बंद होगानए CNG ऑटो, पेट्रोल/डीजल/CNG दोपहिया, कमर्शियल तिपहिया रजिस्ट्रेशन
पुराने ऑटो का क्या होगापरमिट रिन्युअल नहीं, ई-ऑटो में बदलना अनिवार्य
10 साल पुराने ऑटोइलेक्ट्रिक में बदलना या रेट्रोफिटिंग जरूरी
पब्लिक ट्रांसपोर्टDTC बसें, कचरा वाहन इलेक्ट्रिक में बदलेंगे
लक्ष्यप्रदूषण कम करना, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना
अतिरिक्त शर्तेंतीसरी कार खरीदनी है तो सिर्फ इलेक्ट्रिक ही ले सकते हैं

CNG गाड़ी वालों के लिए मुख्य बदलाव

  • रजिस्ट्रेशन बंद: 15 अगस्त 2025 के बाद दिल्ली में कोई भी नया CNG ऑटो रजिस्टर नहीं हो सकेगा।
  • परमिट रिन्युअल नहीं: पुराने CNG ऑटो के परमिट का रिन्युअल नहीं होगा, बल्कि उन्हें इलेक्ट्रिक ऑटो परमिट में बदलना पड़ेगा।
  • 10 साल पुराने ऑटो: जिन CNG ऑटो की उम्र 10 साल या उससे ज्यादा है, उन्हें या तो हटाना होगा या इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट करना होगा।
  • दोपहिया वाहनों पर बैन: 15 अगस्त 2026 के बाद पेट्रोल, डीजल और CNG से चलने वाले दोपहिया वाहन भी रजिस्टर नहीं होंगे।
  • मालवाहक वाहनों पर असर: 15 अगस्त 2025 से डीजल, पेट्रोल, CNG से चलने वाले नए तिपहिया मालवाहक वाहन भी रजिस्टर नहीं होंगे।
  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट: DTC और अन्य सरकारी बसें, कचरा वाहन आदि भी इलेक्ट्रिक में बदलेंगे।

CNG गाड़ी वालों पर आर्थिक असर

  • नई गाड़ी खरीदने का खर्च: इलेक्ट्रिक गाड़ी की कीमत अभी CNG गाड़ियों से ज्यादा है, जिससे लोगों को ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे।
  • रेट्रोफिटिंग का खर्च: अगर आप अपने पुराने CNG ऑटो को इलेक्ट्रिक में बदलना चाहते हैं, तो इसमें भी अच्छी-खासी रकम लग सकती है।
  • परमिट बदलवाने की फीस: CNG से ई-ऑटो परमिट में बदलने के लिए भी फीस देनी होगी।
  • चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर: इलेक्ट्रिक गाड़ी का चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर अभी पूरी तरह विकसित नहीं है, जिससे शुरुआत में परेशानी हो सकती है।
  • रखरखाव का खर्च: इलेक्ट्रिक वाहनों के स्पेयर पार्ट्स और मेंटेनेंस भी फिलहाल महंगे हैं।

CNG गाड़ियों पर बैन के पीछे सरकार की सोच

  • प्रदूषण कम करना: दिल्ली में वायु प्रदूषण का बड़ा हिस्सा गाड़ियों से निकलने वाले धुएं से आता है। इलेक्ट्रिक वाहनों से यह समस्या काफी हद तक कम हो सकती है।
  • ग्लोबल ट्रेंड: दुनिया के कई बड़े शहरों में फॉसिल फ्यूल गाड़ियों पर बैन लगाया जा रहा है, ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य: प्रदूषण कम होने से लोगों की सेहत पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।

CNG गाड़ी वालों के लिए विकल्प

  • इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदें: सरकार की नीति के अनुसार, अब आपको इलेक्ट्रिक ऑटो या दोपहिया वाहन खरीदना होगा।
  • रेट्रोफिटिंग: पुराने CNG ऑटो को इलेक्ट्रिक में रेट्रोफिट करवा सकते हैं, हालांकि इसकी लागत ज्यादा है।
  • अन्य राज्य में रजिस्ट्रेशन: कुछ लोग अपनी गाड़ी दूसरे राज्य में रजिस्टर करवा सकते हैं, लेकिन दिल्ली में चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी।
  • सरकारी सब्सिडी: उम्मीद है कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी और लोन की सुविधा दे सकती है, जिससे आम जनता को राहत मिले।

CNG गाड़ी वालों के लिए चुनौतियां

  • इलेक्ट्रिक गाड़ी की शुरुआती कीमत ज्यादा है।
  • चार्जिंग स्टेशन अभी कम हैं।
  • इलेक्ट्रिक गाड़ियों की रेंज (कितनी दूर चल सकती है) सीमित है।
  • रेट्रोफिटिंग में तकनीकी दिक्कतें आ सकती हैं।
  • पुराने परमिट का रिन्युअल नहीं होगा, जिससे रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा।

EV पॉलिसी 2.0 से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण बिंदु

  • दिल्ली नगर निगम, NDMC और जल बोर्ड के कचरा वाहन भी 2027 तक 100% इलेक्ट्रिक होंगे।
  • तीसरी कार खरीदने के लिए अब सिर्फ इलेक्ट्रिक कार ही खरीदनी होगी।
  • BS-VI मानक वाले CNG, LNG या EV मालवाहक वाहनों को ही दिल्ली में एंट्री मिलेगी।
  • पेट्रोल, डीजल, CNG से चलने वाले पुराने वाहनों को धीरे-धीरे हटाया जाएगा।

CNG गाड़ी वालों के लिए जरूरी सुझाव

  • अपनी गाड़ी की उम्र और परमिट की वैधता जरूर चेक करें।
  • अगर गाड़ी 10 साल से ज्यादा पुरानी है, तो इलेक्ट्रिक में बदलने की योजना बनाएं।
  • इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने से पहले उसकी कीमत, रेंज, चार्जिंग सुविधा आदि की पूरी जानकारी लें।
  • सरकारी सब्सिडी, लोन या अन्य स्कीम की जानकारी समय-समय पर चेक करते रहें।
  • रेट्रोफिटिंग के लिए सिर्फ सरकारी मान्यता प्राप्त वर्कशॉप का ही चयन करें।

भविष्य में क्या होगा?

  • आने वाले समय में दिल्ली की सड़कों पर पेट्रोल, डीजल और CNG गाड़ियों की संख्या कम होती जाएगी।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड और सप्लाई दोनों बढ़ेगी।
  • चार्जिंग स्टेशन का नेटवर्क बढ़ेगा।
  • इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत धीरे-धीरे कम हो सकती है।
  • प्रदूषण में कमी आएगी और लोगों की सेहत में सुधार होगा।

CNG गाड़ी वालों के लिए राहत की बातें

  • कुछ राज्यों में फैक्ट्री फिटेड CNG गाड़ियों पर टैक्स छूट मिल रही है, लेकिन यह दिल्ली में लागू नहीं है।
  • सरकार समय-समय पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी और अन्य योजनाएं ला सकती है।
  • इलेक्ट्रिक गाड़ियों का मेंटेनेंस खर्च कम होता है, जिससे लंबे समय में बचत हो सकती है।

निष्कर्ष

दिल्ली सरकार की नई EV पॉलिसी 2.0 से CNG गाड़ी वालों के लिए मुश्किलें जरूर बढ़ी हैं, लेकिन इसका मकसद राजधानी को प्रदूषण मुक्त बनाना है। शुरू में खर्चा और परेशानियां जरूर होंगी, लेकिन भविष्य में इलेक्ट्रिक गाड़ियों से न सिर्फ पर्यावरण को फायदा होगा, बल्कि मेंटेनेंस खर्च भी कम होगा। अगर आप CNG गाड़ी चलाते हैं, तो अभी से इलेक्ट्रिक वाहनों के विकल्पों पर विचार शुरू कर दें।

Disclaimer: यह आर्टिकल दिल्ली सरकार की EV पॉलिसी 2.0 के ड्राफ्ट और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। पॉलिसी की अंतिम घोषणा और लागू होने की तिथि में बदलाव संभव है। अभी यह पूरी तरह से लागू नहीं हुई है, लेकिन जल्द ही इसे लागू किया जा सकता है। इसलिए, किसी भी निर्णय से पहले सरकारी नोटिफिकेशन और अपडेट जरूर चेक करें। यह जानकारी आम जनता को जागरूक करने के लिए है, कृपया इसे अंतिम नियम न मानें।

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