अब नहीं होगा ज़मीन पर विवाद – डिजिटल रिकॉर्ड से मिलेगा पक्का हल- New Property Law

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New Property Rule Digital Update

भारत में ज़मीन से जुड़े विवाद दशकों से एक बड़ी समस्या रहे हैं। पुराने कागज़ी रिकॉर्ड, गलत मालिकाना दावे, और जालसाजी के मामलों ने लाखों लोगों को परेशान किया है। खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहाँ 70% से अधिक मुकदमे ज़मीन के झगड़ों से जुड़े हैं। अब केंद्र सरकार ने इस समस्या का डिजिटल समाधान निकाला है।

2025 में लागू होने वाली नई प्रॉपर्टी लॉ और डिजिटल लैंड रिकॉर्ड सिस्टम का उद्देश्य है – पारदर्शिता लाना, ज़मीन के दस्तावेज़ों को ऑनलाइन करना, और आम नागरिकों को सुरक्षित सौदे करने में मदद करना। यह सिस्टम 117 साल पुराने Registration Act, 1908 की जगह लेगा। अब नागरिक बिना दलालों के, घर बैठे अपनी ज़मीन का पंजीकरण करा सकेंगे।

New Property Law

उद्देश्यज़मीन विवाद कम करना, डिजिटल पारदर्शिता लाना।
मुख्य विशेषताएँऑनलाइन पंजीकरण, ई-सर्टिफिकेट, Aadhaar लिंक, ब्लॉकचेन सुरक्षा।
अनिवार्य दस्तावेज़बिक्री समझौते, पावर ऑफ अटॉर्नी, बैंक प्रमाणपत्र, कोर्ट आदेश।
सत्यापन प्रक्रियाबायोमेट्रिक (Aadhaर) या अन्य सरकारी आईडी।
तकनीकब्लॉकचेन, जीआईएस मैपिंग, क्लाउड स्टोरेज।
लाभार्थीखरीदार, विक्रेता, एनआरआई, किसान, बिल्डर्स।
चुनौतियाँइंटरनेट एक्सेस, डिजिटल साक्षरता, पुराने रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन।

प्रॉपर्टी लॉ 2025 और डिजिटल लैंड रिकॉर्ड

यह एक केंद्रीय कानून है, जिसे ग्रामीण विकास मंत्रालय ने तैयार किया है। इसका मकसद है – ज़मीन के रिकॉर्ड को पूरी तरह डिजिटल बनाना, ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा देना, और फर्जीवाड़े रोकना। नए सिस्टम की खास बातें:

  • ऑनलाइन पंजीकरण: दस्तावेज़ डिजिटल जमा करें, ई-सर्टिफिकेट पाएँ।
  • Aadhaar सत्यापन: मालिकाना साबित करने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम।
  • ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी: रिकॉर्ड को हैक या बदलने से रोकना।
  • GIS मैपिंग: सटीक नक्शों के ज़रिए ज़मीन की सीमाएँ तय करना।

डिजिटल लैंड रिकॉर्ड सिस्टम कैसे काम करेगा?

  1. ऑनलाइन पंजीकरण:
    • वेबसाइट या ऐप पर जाकर दस्तावेज़ अपलोड करें।
    • Aadhaर से वेरिफाई करें या अन्य आईडी (जैसे पैन) इस्तेमाल करें।
    • पंजीकरण शुल्क ऑनलाइन भरें।
  2. स्वचालित जाँच:
    • सिस्टम पुराने रिकॉर्ड से मिलान करेगा।
    • अगर कोई लोन या विवाद है, तो अलर्ट मिलेगा।
  3. ई-सर्टिफिकेट:
    • पंजीकरण पूरा होने पर डिजिटल प्रमाणपत्र मिलेगा, जिसे ऑनलाइन वेरिफाई किया जा सकता है।
  4. रियल-टाइम अपडेट:
    • ज़मीन बेचने, गिरवी रखने, या विरासत में मिलने पर रिकॉर्ड अपने-आप अपडेट होगा।

खरीदारों और विक्रेताओं को क्या फायदा?

खरीदारों के लिए:

  • धोखाधड़ी से सुरक्षा: ऑनलाइन रिकॉर्ड से पता चलेगा कि ज़मीन का असली मालिक कौन है।
  • कम समय: पंजीकरण प्रक्रिया 2-3 दिन में पूरी होगी (पहले 15-20 दिन लगते थे)।
  • लोन में आसानी: बैंक डिजिटल रिकॉर्ड देखकर जल्दी लोन देंगे।

विक्रेताओं के लिए:

  • व्यापक बाज़ार: डिजिटल लिस्टिंग से देश-विदेश के खरीदार तक पहुँच।
  • कानूनी सुरक्षा: रिकॉर्ड में गलतियाँ कम होने से मुकदमेबाजी कम।

चुनौतियाँ और सावधानियाँ

  • डिजिटल डिवाइड: गाँवों में इंटरनेट और स्मार्टफोन की कमी।
  • पुराने रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन: कई राज्यों में अभी भी कागज़ी दस्तावेज़ ही हैं।
  • जागरूकता की कमी: लोगों को नए सिस्टम की ट्रेनिंग देना ज़रूरी।

निष्कर्ष

प्रॉपर्टी लॉ 2025 भारत के भूमि प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। डिजिटल सिस्टम से विवाद कम होंगे, सौदे पारदर्शी होंगे, और आम आदमी को फायदा होगा। हालाँकि, सरकार को ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट पहुँच बढ़ानी होगी और लोगों को इस सिस्टम के बारे में शिक्षित करना होगा।

Disclaimer: यह लेख सरकार द्वारा जारी ड्राफ्ट बिल (Registration Bill, 2025) पर आधारित है, जो अभी सार्वजनिक सुझाव के लिए है। कानून लागू होने से पहले इसमें बदलाव हो सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट देखें या विधिक सलाह लें।

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