OPS लागू करने की मांग तेज- सरकारी कर्मचारियों ने राहुल गांधी को सौंपा ज्ञापन, क्या बदलेगा NPS?

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पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर देशभर में सरकारी कर्मचारियों और संगठनों द्वारा मांगें तेज हो गई हैं। हाल ही में, सरकारी कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें OPS को फिर से लागू करने की अपील की गई। यह मुद्दा पिछले कुछ वर्षों से चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि कई राज्यों ने पुरानी पेंशन स्कीम को दोबारा लागू कर दिया है।

OPS के समर्थक इसे कर्मचारियों के लिए अधिक सुरक्षित और लाभकारी मानते हैं, जबकि नई पेंशन स्कीम (NPS) को लेकर असंतोष बना हुआ है। इस लेख में हम आपको पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिसमें इसके लाभ, नई पेंशन स्कीम (NPS) से तुलना, और हालिया घटनाओं की जानकारी शामिल होगी। साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि सरकार और कर्मचारी संगठनों के बीच इस मुद्दे पर क्या स्थिति है।

पुरानी पेंशन स्कीम:

विशेषताविवरण
योजना का नामपुरानी पेंशन स्कीम (OPS)
शुरुआतब्रिटिश शासनकाल (1924 में सिफारिश)
समाप्ति1 जनवरी 2004 से
पेंशन राशिअंतिम वेतन का 50%
परिवार पेंशनहाँ, परिवार को भी मिलता है
ग्रेच्युटी₹20 लाख तक
वित्त पोषणसरकार के खजाने से

पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) क्या है?

पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) भारत में एक ऐसी योजना थी जिसमें सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनके अंतिम वेतन का 50% मासिक पेंशन के रूप में दिया जाता था। इसके अलावा, परिवार को भी पेंशन का लाभ मिलता था। यह योजना पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्त पोषित थी और इसमें कर्मचारियों की सैलरी से कोई कटौती नहीं होती थी।

OPS के मुख्य लाभ

  1. निश्चित पेंशन: OPS में कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन मिलती थी, जो अंतिम वेतन का 50% होती थी।
  2. परिवार पेंशन: कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिवार को भी पेंशन मिलती थी।
  3. ग्रेच्युटी: रिटायरमेंट पर कर्मचारियों को ₹20 लाख तक ग्रेच्युटी मिलती थी।
  4. महंगाई भत्ता: महंगाई भत्ते (DA) के आधार पर पेंशन बढ़ाई जाती थी।
  5. सुरक्षा: OPS कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती थी।

नई पेंशन स्कीम (NPS) बनाम पुरानी पेंशन स्कीम (OPS)

विशेषतापुरानी पेंशन स्कीम (OPS)नई पेंशन स्कीम (NPS)
पेंशन राशिअंतिम वेतन का 50%बाजार आधारित
परिवार पेंशनहाँनहीं
महंगाई भत्ताहाँनहीं
कर्मचारी योगदानकोई योगदान नहीं10% वेतन और DA
सरकार योगदानपूरा खर्च सरकार उठाती है14% वेतन और DA
सुरक्षाज्यादा सुरक्षितबाजार जोखिम

हालिया घटनाएँ: OPS लागू करने की मांग

राज्यों द्वारा OPS की बहाली

हाल ही में, कई राज्यों ने OPS को फिर से लागू किया है। इनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं। इन राज्यों ने NPS को समाप्त कर अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है।

राहुल गांधी को ज्ञापन सौंपा गया

सरकारी कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की और उन्हें OPS बहाल करने की मांग वाला ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में उन्होंने कहा कि NPS कर्मचारियों के भविष्य को असुरक्षित बनाता है और इसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए।

राष्ट्रीय आंदोलन

राष्ट्रीय स्तर पर “National Movement for Old Pension Scheme” (NMOPS) नामक संगठन लगातार OPS की बहाली के लिए आंदोलन कर रहा है। यह संगठन सभी राज्यों के सरकारी कर्मचारियों को एकजुट कर रहा है।

OPS बहाली के पक्ष और विपक्ष

पक्ष में तर्क

  1. आर्थिक सुरक्षा: OPS कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है।
  2. परिवार का भरण-पोषण: परिवार को भी आर्थिक सहायता मिलती है।
  3. महंगाई से बचाव: महंगाई भत्ते के कारण पेंशन समय-समय पर बढ़ती रहती है।

विपक्ष में तर्क

  1. राजकोषीय बोझ: सरकार पर भारी वित्तीय बोझ पड़ता है।
  2. दीर्घकालिक प्रभाव: राजस्व घाटा बढ़ सकता है।
  3. अन्य योजनाओं पर असर: अन्य विकास योजनाओं के लिए धनराशि कम हो सकती है।

भविष्य की संभावनाएँ

कई विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में केंद्र सरकार भी OPS बहाल करने पर विचार कर सकती है। हालांकि, इसके लिए वित्तीय प्रबंधन और अन्य कारकों पर ध्यान देना होगा।

निष्कर्ष

पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना थी जो उन्हें रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती थी। हालांकि इसे 2004 में समाप्त कर दिया गया था, लेकिन अब इसे फिर से लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है। कई राज्य इसे पहले ही लागू कर चुके हैं और राष्ट्रीय स्तर पर इसके लिए आंदोलन चल रहे हैं।

Disclaimer: यह लेख विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। पुरानी पेंशन स्कीम से संबंधित जानकारी समय-समय पर बदल सकती है; इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले आधिकारिक जानकारी प्राप्त करें। सभी जानकारी केवल सामान्य संदर्भ हेतु दी गई है।

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