PM Vishwakarma Yojana 2025 से कारीगरों की किस्मत बदलने का मौका, फॉर्म भरते ही मिलेंगी बड़ी सुविधाएं, अभी अप्लाई करें वरना पछताना पड़ेगा

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Pm Vishwakarma Yojana

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता, कौशल प्रशिक्षण और आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराकर उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करना है। यह योजना खासतौर पर विश्वकर्मा समुदाय के उन लोगों के लिए है जो पारंपरिक हस्तशिल्प, कारीगरी और छोटे उद्योगों में कार्यरत हैं। इस योजना के तहत लाभार्थियों को न केवल ट्रेनिंग दी जाती है, बल्कि उन्हें रोजाना भत्ता, टूलकिट और कम ब्याज दर पर लोन भी प्रदान किया जाता है। इसके अलावा, डिजिटल सशक्तिकरण और मार्केटिंग सपोर्ट भी योजना का हिस्सा है, जिससे कारीगर अपने उत्पादों को बेहतर तरीके से बाजार तक पहुंचा सकें।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य है पारंपरिक कारीगरों की पहचान करना, उन्हें आधुनिकीकरण के साथ कौशल विकास देना और आर्थिक सहायता प्रदान करके आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करना। इस योजना के तहत लगभग 140 से अधिक जातियों को लाभ मिलेगा और 13,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन भी शुरू हो चुके हैं, जिससे इच्छुक कारीगर आसानी से घर बैठे आवेदन कर सकते हैं।

PM Vishwakarma Yojana Overview

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक सरकारी योजना है जो पारंपरिक कारीगरों, शिल्पकारों, बुनकरों, सुनारों, लोहारों, दर्जी, मूर्तिकार, कपड़े धोने वाले और अन्य श्रमिकों को आर्थिक सहायता और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को 5% ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है, साथ ही 5 से 7 दिन की बेसिक ट्रेनिंग और 15 दिनों की एडवांस ट्रेनिंग भी उपलब्ध है। ट्रेनिंग के दौरान रोजाना 500 रुपये का भत्ता मिलता है और 15,000 रुपये की टूलकिट भी दी जाती है। इसके अलावा, डिजिटल लेन-देन पर भी प्रोत्साहन दिया जाता है।

पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य

  • पारंपरिक कारीगरों को आधुनिकीकरण के साथ कौशल विकास प्रदान करना
  • आर्थिक सहायता देकर उनके व्यवसाय को बढ़ावा देना
  • आत्मनिर्भर भारत अभियान और ‘वोकल फॉर लोकल’ को सशक्त बनाना
  • डिजिटल सशक्तिकरण के माध्यम से बाजार तक पहुंच बढ़ाना
  • कारीगरों को पहचान और प्रमाण पत्र देना

पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभ

  • 5% ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का गारंटी मुक्त लोन
  • 5-7 दिन की बेसिक और 15 दिन की एडवांस ट्रेनिंग
  • रोजाना 500 रुपये का ट्रेनिंग भत्ता
  • 15,000 रुपये की टूलकिट सहायता
  • पीएम विश्वकर्मा पहचान पत्र और सर्टिफिकेट
  • डिजिटल लेन-देन पर प्रोत्साहन
  • ब्रांड प्रमोशन और मार्केटिंग सपोर्ट

पीएम विश्वकर्मा योजना का संक्षिप्त विवरण (Scheme Overview Table)

विवरणजानकारी
योजना का नामप्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
लाभार्थीपारंपरिक कारीगर, शिल्पकार, बुनकर आदि
योजना का उद्देश्यकौशल विकास, आर्थिक सहायता, पहचान
ट्रेनिंग अवधिबेसिक – 5 से 7 दिन, एडवांस – 15 दिन
ट्रेनिंग भत्ता₹500 प्रति दिन
टूलकिट सहायता₹15,000
लोन राशि₹3,00,000 तक (5% ब्याज दर पर)
बजट₹13,000 करोड़
आवेदन मोडऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों
पहचान पत्रपीएम विश्वकर्मा आईडी कार्ड और सर्टिफिकेट

पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पात्रता (Eligibility Criteria)

  • आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • आवेदक पारंपरिक कारीगर, शिल्पकार, बुनकर, सुनार, लोहार, दर्जी, मूर्तिकार, कपड़े धोने वाले आदि में से कोई एक होना चाहिए।
  • आवेदक के पास जाति प्रमाण पत्र और पहचान पत्र होना अनिवार्य है।
  • योजना का लाभ केवल विश्वकर्मा समुदाय की 140 से अधिक जातियों के लोग ही उठा सकते हैं।

पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़ (Documents Required)

  • जाति प्रमाण पत्र
  • पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि)
  • बैंक खाता विवरण
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • व्यवसाय से संबंधित प्रमाण पत्र (यदि उपलब्ध हो)

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लोन और उसकी शर्तें (Loan Details and Terms)

लोन किस्तराशिब्याज दरलोन अवधिगारंटी
पहली किस्त₹1,00,0005%18 महीनेगारंटी मुक्त
दूसरी किस्त₹2,00,0005%30 महीनेगारंटी मुक्त

लोन पर सरकार ब्याज का 8% हिस्सा खुद वहन करती है, जिससे कारीगरों को केवल 5% ब्याज देना होता है। यह लोन कारीगरों को उनके व्यवसाय को बढ़ाने और आधुनिक उपकरण खरीदने में मदद करता है।

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत ट्रेनिंग और टूलकिट (Training and Toolkit Benefits)

  • ट्रेनिंग: योजना के तहत 5 से 7 दिन की बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें कारीगरों को आधुनिक तकनीक और उपकरणों का उपयोग सिखाया जाता है। इच्छुक लाभार्थी 15 दिन की एडवांस ट्रेनिंग भी ले सकते हैं।
  • भत्ता: ट्रेनिंग के दौरान रोजाना ₹500 का भत्ता दिया जाता है, जो सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर होता है।
  • टूलकिट: ट्रेनिंग पूरी करने के बाद ₹15,000 की टूलकिट दी जाती है, जिससे कारीगर अपने काम को बेहतर तरीके से कर सकें।

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत डिजिटल सशक्तिकरण (Digital Empowerment)

इस योजना में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दिया जाता है। कारीगरों को डिजिटल सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड दिए जाते हैं, जिससे वे ऑनलाइन बाजारों में अपने उत्पादों को बेच सकते हैं। डिजिटल लेन-देन पर ₹1 का प्रोत्साहन भी मिलता है, ताकि कारीगर डिजिटल तकनीक से जुड़ें और अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकें।

पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें? (How to Apply Online)

  • सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  • नया रजिस्ट्रेशन करें और आवश्यक जानकारी भरें।
  • आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन फॉर्म जमा करें और आवेदन संख्या नोट कर लें।
  • आवेदन की स्थिति ऑनलाइन चेक कर सकते हैं।

पीएम विश्वकर्मा योजना के मुख्य फायदे (Key Benefits Summary)

  • पारंपरिक कारीगरों को सरकारी पहचान और समर्थन मिलता है।
  • कौशल विकास के लिए मुफ्त ट्रेनिंग और भत्ता।
  • आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए आर्थिक सहायता।
  • कम ब्याज दर पर लोन सुविधा।
  • डिजिटल सशक्तिकरण और बाजार तक पहुंच।
  • रोजगार और आत्मनिर्भरता बढ़ाने में मदद।

निष्कर्ष और वास्तविकता (Conclusion and Reality Check)

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक वास्तविक और प्रभावी सरकारी योजना है, जो पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को ट्रेनिंग, भत्ता, टूलकिट और कम ब्याज दर पर लोन दिया जाता है। योजना का उद्देश्य कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना और उनके व्यवसाय को बढ़ावा देना है। इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन भी शुरू हो चुके हैं और सरकार द्वारा इसका कड़ाई से पालन किया जा रहा है।

Disclaimer: यह योजना पूरी तरह से सरकार द्वारा समर्थित और मान्यता प्राप्त है। आवेदन करते समय केवल आधिकारिक वेबसाइट और सरकारी माध्यमों का उपयोग करें। किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचें और योजना की जानकारी केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही लें।

यह लेख प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के बारे में सरल हिंदी में पूरी जानकारी प्रदान करता है, जिससे लाभार्थी आसानी से योजना के तहत आवेदन कर सकें और इसके लाभ उठा सकें।

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