UP New Rules 2025: दुकान, स्कूल या होटल बनवाने से पहले जानें क्या है जरूरी, वरना बुलडोजर का होगा सामना

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उत्तर प्रदेश में निर्माण कार्यों को लेकर नए नियम लागू किए गए हैं। ये नियम आवासीय, व्यावसायिक और संस्थागत भवनों के निर्माण से जुड़ी प्रक्रियाओं को सख्ती से विनियमित करते हैं। 2023-2024 में जारी हुए इन नियमों के तहत अनाधिकृत निर्माण करने वालों के खिलाफ सीधी कार्रवाई की जाती है, जिसमें बुलडोजर चलाने तक का प्रावधान शामिल है। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, नोटिस, सुनवाई और डिजिटल पारदर्शिता को अनिवार्य बनाया गया है ताकि मनमाने ढंग से ध्वस्तीकरण से बचा जा सके।

इन नियमों का मुख्य उद्देश्य अवैध निर्माण पर अंकुश लगाना और शहरी योजनाओं का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना है। यदि आप दुकान, स्कूल, होटल या किसी भी प्रकार की संरचना बनाने की योजना बना रहे हैं, तो नए प्रावधानों की जानकारी होना आवश्यक है। नहीं तो, 15 दिनों के भीतर बुलडोजर आपकी संपत्ति को गिरा सकता है

UP New Rules 2025

पहलूनियम
नोटिस अवधिध्वस्तीकरण से पहले 15 दिन का नोटिस अनिवार्य
सुनवाई का अधिकारमालिक/कब्जेदार को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर देना अनिवार्य
डिजिटल पोर्टलसभी नोटिस, जवाब और आदेश 3 महीने में डिजिटल पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे
अपील की समयसीमाअंतिम आदेश के बाद 15 दिनों तक अपील की जा सकती है
समझौता योग्य संरचनाशुल्क देकर नियमित करने का विकल्प (यदि संरचना नियमों के अनुरूप हो)
जिम्मेदार अधिकारीजिला मजिस्ट्रेट (DM) द्वारा नोटिस जारी किया जाता है
दंड प्रावधाननियमों का उल्लंघन करने पर अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही
अनिवार्य दस्तावेजनिर्माण से पहले भवन योजना, भूमि दस्तावेज और अनुमति पत्र जमा करना

निर्माण से पहले इन बातों का रखें ध्यान

1. भूमि उपयोग प्रमाणपत्र

किसी भी निर्माण के लिए भूमि का उपयोग प्रमाणपत्र अनिवार्य है। यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति आवासीय, व्यावसायिक या सार्वजनिक उपयोग के लिए अधिसूचित है।

2. नगर निगम से अनुमति

निर्माण शुरू करने से पहले नगर निगम या विकास प्राधिकरण से अनुमति लेना आवश्यक है। बिना अनुमति के निर्माण को अवैध माना जाएगा

3. बिल्डिंग प्लान अनुमोदन

भवन निर्माण योजना को लाइसेंस्ड आर्किटेक्ट द्वारा तैयार करवाकर नगर निगम से स्वीकृति लें। योजना में ऊंचाई, पार्किंग और खुले स्थान का विवरण शामिल होना चाहिए।

4. निर्माण सामग्री का मानक

निर्माण में ISI मार्क वाली सामग्री का उपयोग करें। नियमों के अनुसार, अग्नि सुरक्षा और भूकंपरोधी डिजाइन अनिवार्य हैं।

ध्वस्तीकरण प्रक्रिया: कदम दर कदम

  1. नोटिस जारी करना – DM कार्यालय द्वारा ईमेल/डाक से नोटिस भेजा जाता है।
  2. जवाब देना – मालिक को 15 दिनों में जवाब देना होता है।
  3. सुनवाई – अधिकारी द्वारा व्यक्तिगत सुनवाई आयोजित की जाती है।
  4. अंतिम आदेश – ध्वस्तीकरण आदेश में संरचना की प्रकृति और कारण शामिल होते हैं।
  5. डिजिटल पोर्टल पर दस्तावेजीकरण – सभी प्रक्रियाओं को पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।

नए नियमों का प्रभाव

  • पारदर्शिता बढ़ी: डिजिटल पोर्टल के माध्यम से नागरिक प्रक्रिया को ट्रैक कर सकते हैं।
  • अवैध निर्माण में कमी: सख्त दंड और निगरानी से अतिक्रमण पर रोक।
  • नागरिक अधिकार सुरक्षित: सुनवाई और अपील का अधिकार मिलने से मनमानी कार्रवाई कम हुई।

बचाव के उपाय

  • नियमित जांच: अपनी संपत्ति का म्यूनिसिपल रिकॉर्ड हर 6 महीने में चेक करें।
  • कानूनी सलाह: निर्माण शुरू करने से पहले वकील या आर्किटेक्ट से सलाह लें।
  • समय पर अनुपालन: नोटिस मिलते ही तुरंत कार्रवाई करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. क्या पुराने अवैध निर्माणों को नियमित करने का कोई तरीका है?
हां, शुल्क भरकर और नियमों के अनुरूप संशोधन करके पुराने निर्माणों को नियमित किया जा सकता है।

Q2. नोटिस न मिलने पर क्या करें?
अपने क्षेत्र के नगर निगम कार्यालय से संपर्क करें या डिजिटल पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं।

Q3. क्या अस्थायी निर्माण (जैसे शेड) भी ध्वस्त किए जा सकते हैं?
हां, अस्थायी अतिक्रमण भी नगर निगम अधिनियम, 1959 के तहत हटाए जा सकते हैं।

Disclaimer: यह लेख उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी नियमों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध दस्तावेजों पर आधारित है। यह कोई कानूनी सलाह नहीं है। निर्माण योजना बनाने से पहले अधिकृत अधिकारी या कानूनी सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।

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