EMI Home Loan कम करने का ऐसा तरीका जो बैंक कभी नहीं बताएंगे, 5 सबसे असरदार हैक्स

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Home Loan emi

हर किसी का सपना होता है कि उसका खुद का घर हो, लेकिन घर खरीदना आसान नहीं है। अक्सर लोग अपनी पूरी जिंदगी की कमाई लगाकर भी घर नहीं खरीद पाते, ऐसे में होम लोन लेना एक आम विकल्प बन गया है। लेकिन, होम लोन लेने के बाद हर महीने भारी EMI (समान मासिक किश्त) चुकाना कई बार सिरदर्द बन जाता है। EMI की टेंशन न सिर्फ आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग बिगाड़ती है, बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ाती है।

आजकल की महंगाई और बढ़ती जरूरतों के बीच, अगर आपकी इनकम स्थिर है और खर्चे बढ़ रहे हैं, तो EMI का बोझ और भी भारी महसूस होता है। ऐसे में जरूरी है कि आप EMI कम करने के तरीके जानें और अपनाएं, ताकि आपकी जेब पर कम दबाव पड़े और आप अपनी बाकी जरूरतों को भी आसानी से पूरा कर सकें। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप EMI की टेंशन से मुक्ति पा सकते हैं और अपने होम लोन की EMI को कम कर सकते हैं।

Home Loan EMI

होम लोन की EMI कम करना कोई जादू नहीं है, बल्कि स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग और सही फैसले से यह संभव है। EMI कम करने के कई तरीके हैं, जैसे लोन की अवधि बढ़ाना, प्री-पेमेंट करना, बैलेंस ट्रांसफर, ब्याज दर कम कराना, ज्यादा डाउन पेमेंट करना आदि। आइए, इन तरीकों को विस्तार से समझते हैं।

होम लोन EMI कम करने के मुख्य तरीके

  • लोन टेन्योर (अवधि) बढ़ाएं: अगर आपकी EMI बहुत ज्यादा है और हर महीने आपकी सैलरी पर दबाव पड़ रहा है, तो आप अपने बैंक से लोन की अवधि बढ़ाने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं। टेन्योर बढ़ाने से EMI कम हो जाती है, लेकिन ध्यान रहे कि इससे कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ता है।
  • प्री-पेमेंट करें: अगर आपके पास सेविंग्स, बोनस या कोई एक्स्ट्रा इनकम है, तो उसका इस्तेमाल लोन का प्री-पेमेंट करने में करें। इससे आपके लोन का प्रिंसिपल अमाउंट कम होगा और EMI भी घटेगी।
  • बैलेंस ट्रांसफर: अगर किसी दूसरे बैंक या फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन में कम ब्याज दर पर होम लोन मिल रहा है, तो अपने लोन को वहां ट्रांसफर कर सकते हैं। इससे EMI में अच्छी-खासी कमी आ सकती है।
  • ब्याज दर कम कराएं: अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है और आप समय पर EMI भरते हैं, तो बैंक से कम ब्याज दर की मांग कर सकते हैं। इससे भी EMI कम होगी।
  • ज्यादा डाउन पेमेंट करें: होम लोन लेते समय जितना ज्यादा डाउन पेमेंट करेंगे, उतना ही कम लोन लेना पड़ेगा और EMI भी कम होगी।
  • EMI बढ़ाएं (इनकम बढ़ने पर): जब आपकी सैलरी बढ़े, तो EMI की रकम भी बढ़ा दें। इससे लोन जल्दी खत्म होगा और ब्याज भी कम देना पड़ेगा।
  • हर साल एक एक्स्ट्रा EMI भरें: साल में एक बार एक्स्ट्रा EMI भरने से लोन की अवधि कम होती है और ब्याज में भी बचत होती है।
  • फ्लेक्सी EMI या हाइब्रिड लोन: कुछ बैंक फ्लेक्सी EMI या हाइब्रिड लोन का विकल्प देते हैं, जिसमें शुरूआती सालों में कम EMI देनी होती है।

होम लोन EMI कम करने के विकल्प: एक नजर में

विकल्प (Option)संक्षिप्त विवरण (Details)
लोन टेन्योर बढ़ानाEMI कम होती है, लेकिन कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ता है
प्री-पेमेंटसेविंग्स या बोनस से लोन का हिस्सा चुका दें, EMI कम होगी
बैलेंस ट्रांसफरकम ब्याज दर वाले बैंक में लोन ट्रांसफर करें, EMI घटेगी
ब्याज दर कम करानाअच्छा क्रेडिट स्कोर हो तो बैंक से कम ब्याज दर की मांग करें
ज्यादा डाउन पेमेंटहोम लोन लेते समय ज्यादा डाउन पेमेंट करें, EMI कम होगी
EMI बढ़ानाइनकम बढ़ने पर EMI बढ़ाएं, लोन जल्दी खत्म होगा
हर साल एक्स्ट्रा EMIसाल में एक बार अतिरिक्त EMI भरें, ब्याज और अवधि दोनों कम होगी
फ्लेक्सी EMI या हाइब्रिड लोनशुरूआती सालों में कम EMI, बाद में बढ़ती है

लोन टेन्योर बढ़ाकर EMI कैसे कम करें?

अगर आपकी मासिक आय पर दबाव महसूस हो रहा है, तो आप होम लोन की अवधि बढ़वाकर अपनी EMI कम करवा सकते हैं। इस विकल्प से आपकी मासिक किस्त तो कम हो जाएगी, लेकिन ध्यान रखें कि इससे आपको कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ेगा। यह तरीका उन लोगों के लिए सही है, जिन्हें अभी कैश फ्लो की दिक्कत है, लेकिन आगे चलकर प्री-पेमेंट या EMI बढ़ाने की सोच रहे हैं।

फायदे:

  • तुरंत EMI कम हो जाती है।
  • मासिक बजट पर दबाव कम होता है।

नुकसान:

  • कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ता है।
  • लोन की अवधि बढ़ जाती है।

प्री-पेमेंट से EMI कम करें

अगर आपको बोनस, टैक्स रिफंड या सेविंग्स मिलती है, तो उसे अपने होम लोन के प्री-पेमेंट में लगाएं। प्री-पेमेंट सीधा आपके लोन के प्रिंसिपल अमाउंट को कम करता है, जिससे EMI भी घटती है और ब्याज में भी बचत होती है।

प्री-पेमेंट के फायदे:

  • EMI कम होती है।
  • लोन जल्दी खत्म होता है।
  • ब्याज में बड़ी बचत होती है।

ध्यान दें: कुछ बैंक प्री-पेमेंट पर पेनाल्टी लेते हैं, इसलिए पहले शर्तें जरूर पढ़ें।

बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प

अगर आपके मौजूदा बैंक की ब्याज दर ज्यादा है और कोई दूसरा बैंक कम ब्याज पर होम लोन ऑफर कर रहा है, तो आप बैलेंस ट्रांसफर कर सकते हैं। इससे EMI में अच्छी-खासी कमी आ सकती है। बैलेंस ट्रांसफर करते समय प्रोसेसिंग फीस और दूसरी शर्तें जरूर जांचें।

बैलेंस ट्रांसफर के फायदे:

  • EMI कम होती है।
  • कुल ब्याज में बचत होती है।

ध्यान दें: ट्रांसफर के समय सभी चार्जेज और शर्तें जरूर समझें।

ब्याज दर कम कराएं

अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है और आप समय पर EMI भरते हैं, तो बैंक से कम ब्याज दर की मांग कर सकते हैं। कई बार बैंक पुराने ग्राहकों को बेहतर डील दे देते हैं, जिससे EMI कम हो जाती है।

कैसे कराएं ब्याज दर कम:

  • अपना सिबिल स्कोर अच्छा रखें।
  • समय पर EMI भरें।
  • बैंक में एप्लीकेशन दें।

ज्यादा डाउन पेमेंट करें

होम लोन लेते समय जितना ज्यादा डाउन पेमेंट करेंगे, उतना ही कम लोन लेना पड़ेगा और EMI भी कम होगी। कोशिश करें कि कम से कम 20-25% डाउन पेमेंट करें, इससे ब्याज में भी बचत होगी।

EMI बढ़ाएं (इनकम बढ़ने पर)

अगर आपकी सैलरी बढ़ी है या एक्स्ट्रा इनकम हो रही है, तो EMI की रकम भी बढ़ा दें। इससे लोन जल्दी खत्म होगा और ब्याज भी कम देना पड़ेगा।

हर साल एक एक्स्ट्रा EMI भरें

अगर आप साल में एक बार अतिरिक्त EMI भर सकते हैं, तो आपकी लोन अवधि कम हो जाएगी और ब्याज में भी बड़ी बचत होगी।

फ्लेक्सी EMI या हाइब्रिड लोन

कुछ बैंक फ्लेक्सी EMI या हाइब्रिड लोन का विकल्प देते हैं, जिसमें शुरूआती सालों में कम EMI देनी होती है और बाद में EMI बढ़ जाती है। यह उन लोगों के लिए अच्छा है, जिनकी इनकम आने वाले सालों में बढ़ने वाली है।

EMI कम करने के लिए जरूरी टिप्स

  • EMI कम करने के लिए EMI कैलकुलेटर का इस्तेमाल करें और अपनी क्षमता के अनुसार EMI चुनें।
  • लोन लेते समय सभी शर्तें ध्यान से पढ़ें।
  • समय पर EMI भरें, इससे क्रेडिट स्कोर अच्छा रहेगा।
  • कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले बैंक की सभी शर्तें और चार्जेज समझ लें।

EMI कम करने के फायदे

  • मासिक बजट पर दबाव कम होता है।
  • मानसिक तनाव कम होता है।
  • फाइनेंशियल प्लानिंग आसान होती है।
  • जरूरत पड़ने पर सेविंग्स का बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं।

EMI कम करने के नुकसान

  • लोन की अवधि बढ़ाने पर कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ता है।
  • बैलेंस ट्रांसफर में प्रोसेसिंग फीस और चार्जेज लग सकते हैं।
  • प्री-पेमेंट पर कुछ बैंक पेनाल्टी ले सकते हैं।

EMI कम करने के लिए जरूरी दस्तावेज

  • लोन स्टेटमेंट
  • पहचान पत्र (आधार, पैन)
  • इनकम प्रूफ (सैलरी स्लिप, ITR)
  • बैंक स्टेटमेंट
  • प्रॉपर्टी डॉक्युमेंट्स

EMI कम करने के लिए बैंक से कैसे बात करें?

  • बैंक के कस्टमर केयर या ब्रांच में जाएं।
  • अपनी समस्या और जरूरत विस्तार से बताएं।
  • सभी जरूरी दस्तावेज साथ रखें।
  • बैंक के ऑफर और शर्तें ध्यान से समझें।

EMI कम करने से जुड़ी सावधानियां

  • किसी भी ऑफर या स्कीम को बिना समझे न अपनाएं।
  • अपने बजट और इनकम के अनुसार ही EMI चुनें।
  • लोन ट्रांसफर या प्री-पेमेंट के चार्जेज जरूर जांचें।
  • समय पर EMI भरना न भूलें।

निष्कर्ष

EMI की टेंशन से मुक्ति पाना और होम लोन की EMI कम करना बिल्कुल संभव है, बस आपको सही प्लानिंग और समझदारी से फैसले लेने होंगे। ऊपर बताए गए तरीकों को अपनाकर आप अपने मासिक बजट को संतुलित कर सकते हैं और फाइनेंशियल तनाव से बच सकते हैं। हमेशा ध्यान रखें कि कोई भी बड़ा फाइनेंशियल फैसला लेने से पहले सभी विकल्पों और शर्तों को अच्छे से समझ लें।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें बताए गए तरीके और सुझाव सामान्य हैं, जो आमतौर पर सभी बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन्स में लागू होते हैं। लेकिन, हर बैंक की शर्तें और नियम अलग हो सकते हैं। EMI कम करने के लिए कोई भी कदम उठाने से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें। यह कोई सरकारी योजना या स्कीम नहीं है, बल्कि फाइनेंशियल प्लानिंग के सामान्य तरीके हैं। किसी भी स्कीम या ऑफर को अपनाने से पहले सभी शर्तें और चार्जेज जरूर समझें।

याद रखें, समझदारी से लिया गया फैसला ही आपको EMI की टेंशन से मुक्ति दिला सकता है।

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